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7 दिवसीय देव दर्शन,सन्त मिलन ,धर्म प्रेमी भक्त सत्संग राजस्थान धर्म यात्रा-पंचम दिवस

जय दूधेश्वर महादेव
राजस्थान यात्रा में पंचम दिवस पर पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने हिंगलाज माता के अवतार तनोट माता के दर्शन किये  ,तनोट माँ (तन्नोट माँ) का मन्दिर जैसलमेर जिले से लगभग एक सौ तीस कि॰मी॰ की दूरी पर ‘तनोट’ नामक गाँव में स्थित हैं। इस मन्दिर को ‘तनोट राय’ कहते हैं। मामडिया चारण की पुत्री देवी आवड़ को तनोट माता के रूप में पूजा जाता है। पुराने चारण साहित्य के अनुसार तनोट माता, हिंगलाज माता की अवतार हैं जिनका प्रसिद्ध मन्दिर बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में है। भाटी राजपूत नरेश तणुराव ने वि॰सं॰ 828 में तनोट का मंदिर बनवाकर मूर्ति को स्थापित किया था। भाटी तथा जैसलमेर के पड़ोसी क्षेत्रों के लोग तन्नोट माता की पूजा करते हैं।

 इतिहास: –

मंदिर के एक पुजारी ने मंदिर के इतिहास के बारे में उल्लेख किया कि बहुत समय पहले एक मामड़िया चारण नाम का एक चारण था, जिनके कोई ‘बेटा-बेटी’ अर्थात कोई संतान नहीं थी, वह संतान प्राप्ति के लिए लगभग सात बार हिंगलाज माता की पूरी तरह से पैदल यात्रा की। एक रात को जब उस चारण (गढवी ) को स्वप्न में आकर माता ने पूछा कि तुम्हें बेटा चाहिए या बेटी, तो चारण ने कहा कि आप ही मेरे घर पर जन्म ले लो।


हिंगलाज माता की कृपा से उस चारण के घर पर सात पुत्रियों और एक पुत्र ने जन्म लिया। इनमें से एक आवड मा थी जिनको तनोट माता के नाम से जाना जाता है।कहा  जाता है की 1965 में भारत और पाकिस्तान का जो युद्ध हुआ था उसमे पाकिस्तानी सेना की ओर से माता के मंदिर के क्षेत्र में करीब 3000 बम गिराए थे, लेकिन एक भी बम ना तो एक भी बम फटा और नहीं मंदिर को कोई नुकसान हुआ। मंदिर की इमारत तस से मस भी नहीं हुई । आज भी कहा जाता है की तनोट माता के मंदिर के परिसर में अभी भी करीब 450 पाकिस्तानी बम पड़े हुए है जोकि  आम लोगों के और वहा पर आने वाले दर्शनार्थियों के देखने के लिए रखे हुए हैं। ये सभी बम वो बम है जो उस समय फटे ही नहीं थे।

भारतीय सेना और यहां के लोग इसे देवी मां का ही चमत्कार मानते हैं। यहां भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद में एक विजय स्तंभ का भी निर्माण किया गया है। ये स्तंभ भारतीय सेनिकों की वीरता की याद दिलाता है।देवी मां के मंदिर का रख-रखाव भारतीय सीमा सुरक्षा बल ही करती है। क्योंकि उसका मानना है की इस मंदिर की वजह से ही भारत इतना ज्यादा सुरक्षित है।साथ ही पूज्य गुरुदेव ने घंटयाली माता के दर्शन किये ,ख्याला मठ के सिद्ध सन्त गोरखनाथ अघोरी जी से दर्शन भेंट किया ,साथ ही कुंवर हरिश्चन्द्र सिंह जी मां राणी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोल के संयोजक,बी एस एफ के डी आई जी द्वारा पूज्य गुरुदेव का मन्दिर में स्वागत किया गया ,

सायंकाल तनोट माता मन्दिर में संकीर्तन हवन पूजन होगा साथ ही तनोट माता मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाकर भव्य मन्दिर निर्माण के लिये पूज्य गुरुदेव के कर कमलों से भूमि पूजन होगा , मन्दिर का निर्माण सीमा सुरक्षा बल करेगा , सलाहकार हरिश्चन्द्र सिंह जी, धार्मिक सलाहकार पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज, आचार्य तोयराज उपाध्याय जी , सचिन पाठक ,दीपंकर पाण्डेय,सभी पूजन करायेंगे ,कर्नल शम्भू सिंह जी भी उपस्थित थे ।


    हर हर महादेव
विश्व संवाद सम्पर्क सचिवअमित कुमार शर्माश्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश

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