श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में दूधेश्वर नाथ मंदिर, प्राचीन देवी मंदिर व श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, नित्यानंद आश्रम वृंदावन चार जगह पर नवरात्रि पर विशेष अनुष्ठान होगा.
गाजियाबादः
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में इस बार तीन सिद्धपीठ में नवरात्र पर्व पर विशेष अनुष्ठान होंगे। सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के अलावा प्राचीन देवी मंदिर दिल्ली गेट व विश्व प्रसिद्ध श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल बालोतरा राजस्थान में भी महाराजश्री की अध्यक्षता में नौ दिन तक अनुष्ठान होगा। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म में नवरात्र पर्व का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि नवरात्र हमारे जीवन का कायाकल्प कर देने वाला ऐसा अनुष्ठान है, जिससे जीवन में नई उर्जा, शक्ति व उत्साह व जोश का संचार होता है। नवरात्र में नौ दिन तक व्रत रखकर जगतजननी की आराधना कर शक्ति व उर्जा का संग्रह किया जाता है। यह शक्ति व उर्जा ही हमारे जीवन को आनंदमय व सार्थक बनाती है।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त :-
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि 3 अक्टूबर को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 6 बजकर 15 मिनट से लेकर 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त जो सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा, उसमें भी घट स्थापना करना शुभ रहेगा। घट स्थापना के लिए अपनी सामर्थ अनुसार 2, 3 या पूरे 9 दिन का उपवास रखने का संकल्प लें और संकल्प लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौं बोएं और वेदी को कलश पर स्थापित कर दें। सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन करें। कलश को गंगाजल से साफ की गई जगह पर ही रखें। इसके बाद सभी देवी.देवताओं का आवाहन करते हुए कलश में सात तरह के अनाज, कुछ सिक्के और मिट्टी रखकर कलश को फूल और आम के पत्तों से सजा लें। कलश पर कुल देवी की तस्वीर स्थापित करें या नारियल रखें। अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें व देवी मां की आरती करें। सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर माता रानी प्रसन्न होंगी और अपनी कृपा की बारिश करेंगी।