जय दूधेश्वर महादेव
।।चार दिवसीय श्री दूधेश्वर होली महोत्सव।।
“अयं होलीमहोत्सवः भवत्कृते भवत्परिवारकृते चक्षेमस्थैर्य-आयुः-आरोग्य-ऐश्वर्य-अभिवृद्घिकारकः भवतु।।”।।होलिकाया: हार्दिकशुभाशयाः।।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में मे प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्षता एवं दिशानिर्देश में होली का महापर्व बहुत धूम धाम से मनाया जायेगा जिसमें मन्दिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल जी, उपाध्यक्ष अनुज गर्ग जी के सहयोग से एवं श्रीमहन्त गौरी गिरि दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर समिति कार्यालय प्रभारी शंकर झा जी एवं समस्त स्वयंसेवक ,
श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल जी ,महन्त गिरिशा नन्द गिरि जी महाराज देवी मन्दिर दिल्ली गेट का व्यवस्था में पूर्ण योगदान रहेगा ,
कार्यक्रम में 7 मार्च को सायंकाल आरती के पश्चात 7:15 बजे होलिका पूजन एवं दहन होगा ,8 मार्च प्रातः काल 9 बजे से 11 बजे तक जन कल्याण शान्ति यज्ञ क्योंकि समाधी वाले सिद्ध गुरमुर्तियो की परम्परा में पूरे देशसे जो सन्त आते हैं वो जनकल्याण के लिये श्री दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्य एवं विद्यार्थियों के साथ हवन यज्ञ करते हैं ,
3 बजे से दूधेश्वर पंखा शोभा यात्रा बहुत धूम धाम से हाथी घोड़े भगवान की झांकियां संकीर्तन,बैंड बाजे ढोल नगाड़े के साथ यात्रा नगर भ्रमण करके 1 पंखा हनुमान मन्दिर अग्रसेन बाजार चौपला में लगेगा एक पंखा भगवान दूधेश्वर के गर्भगृह में स्थापित होगा 9 मार्च को मध्यान्ह 1 बजे से सन्तों का भण्डारा प्रसाद होगा,10 मार्च को कढी पकौड़ी बेसन की रस्ता पकड़ो स्टेशन का के साथ 4 दिवसीय कार्यक्रम सम्पन्न होगा ।
होली का महत्व:-
बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतीक होली का सामाजिक महत्व भी है। यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मनभेद और मतभेद दूर हो जाते हैं। क्योंकि लाल रंग प्यार और सौहार्द का प्रतीक होता है।
होलिका दहन के दिन होली जलाकर ‘होलिका’ नामक दुर्भावना का अंत और भगवान द्वारा भक्त की रक्षा का जश्न मनाया जाता है। होली रंगोत्सव : होली का त्योहार प्रेम और सद्भावना से जुड़ा त्योहार है जिसमें अध्यात्म का अनोखा रूप झलकता है। इस त्योहार को रंग और गुलाल के साथ मनाने की परंपरा है।
होली से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
होली से हमें क्या शिक्षा मिलती है?इस त्यौहार से एक और सीख मिलती है कि कभी भी हमें अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार हमारे सोचने समझने की शक्ति को बंद कर देता है।
हर हर महादेव
विश्व संवाद सम्पर्क सचिवअमित कुमार शर्माश्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश