Back to all Post

शिव आस्था और भक्ति का पवित्र श्रावण मास इस बार अधिक मास के चलते 2 महीने का होगा-श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जी

श्रीमहंत नारायण गिरि जी ने कहा :- श्रावण मास भगवान शिव व माता पार्वती दोनों को ही प्रिय है, दो माह का होने से श्रावण मास में भक्तों पर भगवान शिव व मां पार्वती की कृपा बरसेगी। और अधिक मास के चलते भगवान विष्णु की कृपा भी भक्तों को मिलेगी. भगवान शिव का अभिषेक करते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।

8 सोमवार:-


दिल्ली सन्त महामण्डल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा व श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्री महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि
शिव आस्था और भक्ति का पवित्र श्रावण मास इस बार अधिक मास के चलते 2 महीने का होगा। इसी कारण भक्तों के इस बार सावन के 8 सोमवार भगवान शिव की भक्ति करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। सावन मास 4 जुलाई से शुरू हो चुका है और उसका समापन 31 अगस्त को होगा। इस दौरान 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास होने से भगवान विष्णु की कृपा भी भक्तों को मिलेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। ऐसे में सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में रहता है। अधिकमास के चलते इस बार चातुर्मास चार के बजाय पांच महीनों का होगा।


सावन माह के प्रमुख पर्व:-


श्री महंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि इस बार अधिकमास के कारण सावन का महीना 58 दिन तक चलेगा। सावन महीने के साथ ही व्रत.त्योहार भी आरंभ हो जाते हैं।

  • 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी,
  • 13 जुलाई को कामिका एकादशी,
  • 15 जुलाई को शिवरात्रि,
  • 17 जुलाई को श्रावण माह की अमावस्या,
  • 19 अगस्त को हरियाली तीज,
  • 21 अगस्त नाग पंचमी व
  • 30 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा।

सावन महीने का महत्व:-

श्री महंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि सावन का महीना पांचवां महीना होता है, जो आषाढ़ खत्म होते ही शुरू हो जाता है। इस माह को श्रावण के नाम से भी जाना जाता है। श्रावण का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना है। भोले भंडारी को सावन का महीना प्रिय होने के पीछे एक कथा है। सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसी कारण यह महीना भगवान शिव व माता पार्वती दोनों का प्रिय महीना है और सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है।

पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा.उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं। सावन के महीने में सोमवार व्रत, मासिक शिवरात्रि और कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। सावन का महीना और इसमें पड़ने वाले सोमवार व्रत का सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ही खास होता है। सावन के सोमवार के दिन विवाहित महिलाएं दिनभर व्रत रखते हुए शिवजी और माता पार्वती की पूजा.अर्चना करते हुए पति की लंबी आयु और सुख.समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं दूसरी तरफ सावन सोमवार का व्रत कुंवारी कन्याएं शिवजी की पूजा करते हुए अपने लिए सुयोग्य वर की कामना करती हैं।

सावन के महीने में भगवान शिव का गंगाजलए शुद्ध जलए दूधए दहीए शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए और अभिषेक करते हुए लगातार ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। शिवलिंग पर बेलपत्रए भांगए धतूरा और शमीपत्र आदि अर्पित करें।

  1. पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई को,
  2. द्वितीय सोमवार 17 जुलाई,
  3. तृतीय सोमवार 24 जुलाई,
  4. चतुर्थ सोमवार 31 जुलाई,
  5. पंचम सोमवार 7 अगस्त,
  6. षष्ठम सोमवार 14 अगस्त,
  7. सप्तम सोमवार 21 अगस्त व
  8. अष्टम सोमवार 28 अगस्त को होगा।

सावन शिवरात्रि जल चढ़ाने की तिथि व शुभ मुहूर्त:-

सावन शिवरात्रि रविवार 15 जुलाई को है। व्रत उसी दिन रखा जाएगा। चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई को शाम 08 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और 16 जुलाई 2023 को रात 10 बजकर 08 मिनट तक रहेगी। इस दौरान सावन शिवरात्रि का जल चढेगा।

1 Comment

  • Arun Kumar
    July 6, 2023

    महाराज जी के चरणों में शत शत प्रणाम
    आपके द्वारा दिया हुआ ज्ञान अभूतपूर्व है। कृपया सभी पर सदा ऐसी कृपा बनाये रखिएगा

Add Your Comment