विघ्न विनाशक व विघ्न हर्ता भगवान गणेश की पूजा-अर्चना से हर प्रकार का कष्ट दूर होता हैः श्रीमहंत नारायण गिरि
भगवान गणेश को पहले दिन 51 किलो के लड्डू का भोग लगेगा, प्रतिदिन 5100 लड्डुओं का प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाएगा
21 सितंबर को श्री दूधेश्वर घाट गंगनहर मुरादनगर पर होगा मूर्ति विसर्जन
गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रीदूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव श्रद्धाभाव व धूमधाम से मनाया जाएगा। तीन दिवसीय श्रीदूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव का शुभारंभ गणेश चतुथी पर मंगलवार 19 सितंबर को होगा और उसका समापन 21 सितंबर को विसर्जन यात्रा के साथ होगा।
श्रीदूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव:-
मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि मंगलवार 19 सितंबर को भगवान गणेश को अभिजीत मुहूर्त में प्रातः 11.50 बजे मंदिर में विराजमान कराया जाएगा। विधि-विधान के साथ उनकी पूजा-अर्चना होगी।
- गणेश सहस्रनाम का पाठ होगा।
- पहले दिन भगवान गणेश को 51 किलो के लड्डू का भाग लगाया जाएगा
- और उसके बाद प्रतिदिन उन्हें 5100 लड्डुओं का भोग लगाकर भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाएगा।
- रात्रि में भजन संध्या का आयोजन होगा।
- 20 सितंबर को भी भगवान गणेश की पूजा-अर्चना, गणेश सहस्रनाम का पाठ होगा और रात्रि प्रसिद्ध भजन गायकांें की भजन संध्या होगी।
21 सितंबर को प्रातः 11 बजे विसर्जन यात्रा मंदिर से शुरू होगी और शहर के प्रमुख मार्गाे से होते हुए श्री दूधेश्वर घाट गंगनहर मुरादनगर पहुंचेगी, जहां भगवान गणेश की मूर्ति का विजर्सन होगा।
भगवान श्री गणेश:-
श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि भगवान गणेश विघ्न विनाशक व विघ्न हर्ता हैं। वे बुद्धि व रिद्धि-सिद्धि देने वाले हैं और सभी देवी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले हैं। कोई भी शुभ काम शुरू होने से पहले गणपति का ध्यान किया जाता है। आदिदेव महादेव के गणों के अध्यक्ष होने के कारण उन्हें गणाध्यक्ष भी कहा जाता है। स्वभाव से नटखट और चंचल भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
- उनका हर अंग ज्ञान की वो पाठशाला है, जो इंसान को जीवन में आगे बढ़ने और हमेशा जीतने का संदेश देती है।
- उनका बड़ा और चौड़ा माथा नेतृत्व करने का प्रतीक है और हमेशा बड़ी सोच रखने की सीख देता है।
- वहीं उनकी छोटी आंखें ध्यान लगाने व देख परख कर फैसला लेने की सीख देती है।
- यही कारण है कि भगवान गणेश पूजा-अर्चना करने से हर बाधा-विध्न दूर होता है
- और सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है व जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहता है।
दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर सिद्धपीठ हैं, जहां भगवान दूधेश्वर यानि भगवान शिव जो गणेश जी के पिता हैं, स्वयं साक्षात विराजमान हैं। ऐसे में गणेश चतुर्थी पर मंदिर में भगवान दूधेश्वर व भगवान गणेश की पजा-अर्चना करने वालों पर भगवान दूधेश्वर व भगवान गणेश की कृपा की वर्षा होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है। इसी कारण गणेश चतुर्थी पर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए देश भर से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर परिसर में स्थित दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के सचिव अमित ने बताया कि दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के आचार्य व छात्र विधि-विधान के साथ श्रीदूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कराएंगे। मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के मार्ग-दर्शन में 19 सितंबर से 21 सितंबर तक होने वाले श्रीदूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव के मुख्य यजमान मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष व प्रमुख समाजसेवी धर्मपाल गर्ग व उनके पुत्र अनुज गर्ग हैं। व्यवस्था मंत्री विजय मित्तल हैं। श्रीमहंत नारायण गिरि के मार्ग-निर्देशन में पूरी मंदिर समिति महोत्सव में सहयोग कर रही है।