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अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की नई व पुरानी दोनों मूर्तियों की स्थापना होगीः श्रीमहंत नारायण गिरि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से गौरवशाली व समृद्धशाली भारत का उदय होगा


पूरे विश्व में हिंदू सनातन धर्म का परचम फहराएगा

इसी से घबराकर देश विरोधी ताकतें नई व पुरानी मूर्तियों को लेकर विवाद खडा करने का प्रयास कर रही हैं
भगवान राम की कृपा से उनका कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा

अयोध्याः
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि अयोध्या के भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो ऐसे नए भारत का उदय होगा जो एक बार फिर पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा। हिंदू सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का परचम पूरे विश्व में फहराएगा तो देश पुनः विश्व गुरू पर पर आसीन होगा। देश विरोधी ताकतें इसे सहन नहीं कर पा रही हैं। इसी के चलते वे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विवाद खडा करने का प्रयास कर रही हैं, जो सफल नहीं होगा। भगवान की मूर्तियों को कल गुरूवार 18 जनवरी को नवनिर्मित मंदिर में लाया जाएगा।

रामलला की नई मूर्ति के साथ मुख्य मूर्ति की भी स्थापना होगी:-

श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि देश विरोधी ताकतें कह रही हैं कि रामलला की नई मूर्तियों की स्थापना क्यों की जा रही है और पुरानी मूर्तियों जिनकी अब तक पूजा होती आ रही है, उकी स्थापना क्यों नहीं का जा रही है। उन्हें शायद मालूम नहीं है कि 22 जनवरी को पुरानी मूर्तियां जिनकी आज तक पूजा हो रही है और नई मूर्तियां दोनों की ही स्थापना होगी। पहले पुरानी मूर्तियों की स्थापना होगी और फिर नई मूर्तियों की स्थापना होगी। पुरानी मूर्तियां बहुत छोटी हैं। ऐसे में 20 गज की दूरी से उनका दर्शन कर पाना संभव नहीं हैं। इसी कारण पुरानी मूर्तियों के साथ भगवान की बाल स्वरूप की बडे आकार की 51 इंच मूर्तियों की स्थापना हो रही है ताकि आसानी से भगवान के दर्शन किए जा सकें।


1949 में प्रकट हुई थीं भगवान की मूर्तियां

  • श्री महंत नारायण गिरि ने बताया कि वह 23 दिसंबर 1949 की सुबह थी, जब अयोध्‍या में अचानक हर तरफ ष्प्रकट भये कृपाला की गूंज सुनाई देने लगी थी।
  • भगवान अपने भाईयों के साथ प्रकट हुए थे और इसे उस समय डयूटी पर तैनात सिपाही ने भी इसे स्वीकार किया था कि भगवान की मूर्तियां अपने आप प्रकट हुई थीं। इसके बाद भी वहां से मूर्तियों को हटाने के प्रयास किए गए मगर महंत दिग्विजय नाथ के साथ बलरामपुर रियासत के महाराजा पाटेश्‍वरी प्रसाद सिंह व भारतीय सिविल सेवा अधिकारी केके नायर ने इन प्रयासों को सफल नहीं होने दिया।
  • राम भक्तों ने वहां पर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। उसके बाद राम मंदिर को लेकर आंदोलन और तेज हो गया, जिसके चलते वर्ष 1992 में कारसेवा हुई।
  • कारसेवा के दौरान पुलिस की गोलीबारी में बडी संख्या में राम भक्त मारे गए मगर रामभक्तों का हौंसला कम नहीं हुआ। उससे पहले भी लाखों राम भक्तों नं अपना बलिदान दिया।
  • उन सबके बलिदान व भगवान राम की कृपा से ही 500 वर्ष के इंतजार के बाद अब 22 जनवरी को जन-जन के आराध्य भगवान राम पावन रामजन्म भूमि पर बने भव्य राम मंदिर में विराजमान होंगे।
  • प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिव्य पुरूष मौजूद रहेंगे जिनका राम मंदिर निर्माण में बहुत बडा योगदान है।
  • श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि 22 जनवरी को जब भगवान रामलला विराजमान होंगे तो उस स्वर्णिम पल का जो अहसास व अनुभूति होगी, उसका वर्णन तो देवी-देवता भी नहीं कर पाएंगे।
  • उन्हें इस बात की खुशी है कि राम मंदिर आंदोलन में उनका भी गिलहरी समान छोटा सा योगदान रहा और वे 45 वर्ष तक आंदोलन से जुडे रहे तो यह उन पर भगवान राम की विशेष कृपा ही रही।

2 Comments

  • Ved Pal Singh
    January 17, 2024

    बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं😊🙏🚩

  • Jyotendra Gaur
    January 17, 2024

    रामजी की प्रेरणा से आप सब का मार्ग दर्शन करते रहें
    जय सियाराम🙏

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