अक्षय तृतीया, भगवान परशुराम, माता अन्नपूर्णा पूजन व हवन में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया
संत सम्मेलन पूरे विश्व को सही दिशा व दशा देने का कार्य करेगाः जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज
अक्षय तृतीया से संत सम्मेलन शुरू होने से पूरे विश्व को अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होगीः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज
जूना अखाडे का अखिल भारतीय संत सम्मेलन समाज में बदलाव लाने का कार्य करेगाः श्रीमहंत मोहन भारती महाराज
राजस्थानः
खरण्टिया मठ समदङी सिवाना बालोतरा में जूना अखाडे की महासभा की बैठक व अखिल भारतीय संत सम्मेलन का शुक्रवार को अक्षय तृतीया पर्व से शुभारंभ हो गया। पहले दिन अनेक धार्मिक आयोजन हुए जिनमें देश.विदेश से आए हजारों संतों व श्रद्धालुओं ने भाग लिया। बैठक, सम्मेलन व धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ मुख्य अतिथि ऊर्ध्वाम्नाय श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने किया और अध्यक्षता जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता ने की। शुक्रवार को सबसे पहले गणेश पूजन व भगवान दत्तात्रेय का पूजन हुआ। उसके बाद अक्षय तृतीया पूजन, भगवान परशुराम पूजन, माता अन्नपूर्णा पूजन, जोगेश्वर महादेव पूजन, जोगेश्वर भारती पूजन, उनके गुरू रामचंद्र भारती पूजन, समस्त गुरू समाधि पूजन, भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी पूजन हुआ। भगवान परशुराम व मां अन्नपूर्णा का हवन भी हुआ
जिसमें हजारों भक्तों ने विश्व कल्याण की कामना से आहुति दी। इसी के साथ 13 मई तक चलने वाला अन्नपूर्णा भंडारा भी शुरू हो गया जिसमें प्रतिदिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे। ऊर्ध्वाम्नाय श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज पूरे विश्व में ही विषम परिस्थितियां पैदा हो रही हैं। कई देशों में युद्ध तक चल रहा है। ऐसे में जूना अखाडे का अखिल भारतीय संत सम्मेलन भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए आशा की नई किरण लेकर आया है। यह सम्मेलन भारत ही नहीं पूरे विश्व को सही दिशा व दशा देने का काम करेगा। संतों का पूरा जीवन ही मानवता को समर्पित होता है। श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ताए दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि जूना अखाडे की बैठक व अखिल भारतीय संत सम्मेलन खरण्टिया मठ में हो रहा है, जो एक सिद्ध मठ है और जिसकी मान्यता पूरे विश्व में है।
मठ धर्म व आध्यात्म:-
पीरों के पीर जोगेंद्र भारती का नाम आज भी पूरे विश्व में लिया जाता है। यह मठ धर्म व आध्यात्म का केंद्र रहा है और आज भी इसमें नित चमत्कार होते हैं। ऐसे सिद्ध मठ में बैठक व सम्मेलन का होना व उसका शुभारंभ अक्षया तृतीया पर्व से होना भगवान की कृपा ही है। अक्षय तृतीय पर किए गए किसी भी शुभ कार्य के फल का क्षय नहीं होता है और भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की कृपा से वह अक्षय हो जाता है। इस सम्मेलन का फल भी अक्षय होगा और भारत ही नहीं पूरे विश्व के लोगों में आनंद, सुख.समृद्धि, खुशहाली व निरोगता लाने का कार्य करेगा। श्रीमहंत मोहन भारती महाराज ने कहा कि आज समाज, देश व विश्व में जैसी परिस्थितियां हैं, उन्हें देखते हुए संतों की जिम्मेदारी और भी बढ गई है। अनादि काल से समाज में बदलाव लाने का कार्य संतों ने ही किया है। आज समाज में बदलाव की जरूरत है और खरण्टिया मठ समदङी सिवाना बालोतरा में 13 मई तक होने वाली जूना अखाडे की महासभा की बैठक व अखिल भारतीय संत सम्मेलन इसमें अहम भूमिका निभाएगा। खरण्टिया मठ में सभी आयोजन की व्यवस्था श्रीमहंत निरंजन भारती महाराज कर रहे हैं व श्रीमहंत मोहन भारती महाराज की देखरेख में हो रहे हैं।
आयोजन श्रीमहंत उमांशंकर भारती महाराज के निर्देशानुसार:-
आयोजन श्रीमहंत उमांशंकर भारती महाराज के निर्देशानुसार हो रहे हैं। जूना अखाड़ा के वर्तमान अंतरराष्ट्रीय सभापति अध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज, श्रीमहंत शिवानंद सरस्वती, श्रीमहंत सुरेश्वारानंद सरस्वती महाराजए महंत शनिश्चर भारती महाराज, खरण्टिया मठ के महंत किशन भारती महाराज, विधायक हमीर सिंह भायल, पूर्व विधायक कान सिंह कोटङी, जगदगुरू शंकराचार्य, श्रीमहंत, महंत, महामंडलेश्वर, रमतापंच, सरपंच आदि तथा 125 से अधिक गांवों के सर्वसमाज के 36 कोम के हजारों लोग आदि भी मौजूद रहे। सभी धार्मिक आयोजन मुख्य आचार्य तयौराज उपाध्याय, ब्रहमा अनिल कुमार पाणी, दीपांकर पांडे, दीपांशु मिश्र, विकास शर्मा, रितविक व अभिषेक पांडे करा रहे हैं।