अन्नपूर्णा महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ 4 दिवसीय सम्मेलन का हुआ समापन राजस्थानः खरण्टिया मठ समदङी सिवाना बालोतरा में जूना अखाडे द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्नपूर्णा महायज्ञ व भंडारे का सोमवार को समापन हो गया। अंतिम दिन अखिल भारतीय संत सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें देश-विदेश के संतों तथा हजारों संतों ने भाग लिया। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता व निर्देशानुसार भल्लों का वाड़ा में महादेव पूजन व सारणेश्वर महादेव पूजन पाठ के बाद खरण्टिया मठ में गौरी गणेश पूजन, कलश पूजन, नवग्रह पूजन, वास्तु पूजन, गुरू दत्तात्रेय पूजन, हनुमान पूजन, भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान लक्ष्मी नारायण पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, गुरू मूर्तियों का पूजन हुआ। सभी अखाडों की ओर से मठ के महंत किशन भारती का तिलक पूजन किया गया और उसके बाद अन्नपूर्णा यज्ञ की पूर्णाहुति हुई।
संत सम्मेलन के मुख्य अतिथि:-
संत सम्मेलन के मुख्य अतिथि ऊर्ध्वाम्नाय श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि प्रवचन और विचारों की महत्ता छोटी नहीं होती। संत जहां एकत्रित होते हैं, वह स्थान पवित्र और महत्वपूर्ण बन जाता है। सही ज्ञान होना ही प्रभु की प्राप्ति है। जब तक हमें सही ज्ञान नहीं होगा, हम प्रभु को भी नहीं पा सकते है, लेकिन सही ज्ञान हमें बेहतर गुरु ही दे सकते हैं। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि संत दूसरे के लिए कार्य करते हैं। उनके मन में अपने लिए कुछ भी नहीं रहता है। इसीलिए संतों की इच्छा और वाणी का सम्मान ईश्वर भी रखते हैं। हम सभी को अपने लक्ष्य हेतु कर्म करना पड़ेगा, कष्ट सहना पड़ेगा तब जाकर राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त करेगा। जूना अखाड़ा के वर्तमान अंतरराष्ट्रीय सभापति अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय समस्याओं पर सभी संतों का एक मत होना पडेगा, हिंदू समाज को संगठित करना पडेगा तभी हम देश को पुनः उसका प्राचीन गौरव दिला पाएंगे।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा
श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भारत भूमि का वैभव वापस लाने के लिए राम राज की स्थापना जरूरी है और राम राज के लिए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना होगा। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का काम संत ही कर सकते हैं, अतः सभी संतों को इसके लिए एकजुट होना होगा। सम्मेलन में श्रीमहंत निरंजन भारती महाराज ने सभी संतों का धन्यवाद व सारणेश्वर महादेव मठ भलरों का वाड़ा के महंत हरि भारती महाराज ने सभी संतों का अभिनंदन किया। श्रीमहंत मोहन भारती ने श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशानुसार सभी कार्यक्रमों की सुंदर व्यवस्था की। सम्मेलन में सभी मठों व मंदिरों की देखरेख, वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले कुभ मेले की मुख्य तिथियों के स्नान, सनातन धर्म को मजबूत करने समेत आदि पर भी चर्चा हुई।
समेत देश-विदेश के संत :-
सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, श्रीमहंत निरंजन भारती महाराज, पूर्व सभापति श्रीमहंत उमाशंकर भारती महाराज, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, श्रीमहंत रामचंद्र गिरि महाराज, श्रीमहंत रामेश्वर गिरि महाराज, श्रीमहंत धनंजय गिरि महाराज, महंत शंभू गिरि महाराज, श्रीमहंत उमांकात गिरि महाराज, थानापति आदित्य गिरि महाराज, थानापति हरिशरण वन महाराज, महंत सनातन गिरि महाराज, श्रीमहंत बिशंभर भारती महाराज, महत नीलकंठ गिरि महाराज, श्रीमहंत केदारपुरी महाराज, श्रीमहंत हीरापुरी महाराज, श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, श्रीमहंत पुज पुरी महाराज, श्रीमहंत कुश पुरी महाराज, अष्ट कौशल महंत शिव चेतन पुरी महाराज, अष्टकौशल महंत मृत्युंजय पुरी महाराज, श्रीमहंत मगन पुरी महाराज, श्रीमहंत शिवानंद पुरी महाराज, धवल पुरी महाराज गुजरात, थानापति भुवनेश्वर पुरी महाराज, थानापति सुरेश पुरी महाराज, श्रीमहंत जगदीश पुरी महाराज, महंत महादेव पुरी महाराज, महंत राघव पुरी महाराज, महंत गणेश पुरी महाराज, महंत जनक पुरी महाराज, श्रीमहंत वेद व्यास पुरी महाराज, महंत रमेश पुरी महाराज, मुनिश्वर गिरि महाराज, ऋषि भारती महाराज, शिव गिरि महाराज, योगेश्वरानंद गिरि महाराज, उमाकांत गिरि महाराज, श्रीमहंत पृथ्वी गिरि महाराज, श्रीमहंत शांति गिरि महाराज, महंत संध्या गिरि महाराज, श्रीमहंत बलवान गिरि महाराज, महंत गिरिशानंद गिरि महाराज, महंत आनंदेश्वरानंद गिरि महाराज, महंत रतन गिरि महाराज, महंत संजय गिरि महाराज, महंत रमेशानंद गिरि महाराज, श्रीमहंत रामेश्वर गिरि महाराज, श्रीमहंत देव गिरि महाराज, श्रीमहंत बाबू गिरि महाराज, श्रीमहंत सत्यम गिरि महाराज, श्रीमहंत भुवनेश्वर गिरि महाराज, श्रीमहंत ओमकार गिरि महाराज, श्रीमहंत श्रीधर गिरि महाराज, महंत महावीर गिरि महाराज, पोकरण विधायक प्रतापपुरी महराज, विधायक हमीर सिंह भायल सिवाना,श्री राणी भटियाणी माता मंदिर जसौल धाम के सदस्य कुंवर हरिशचंद्र सिंह,पूर्व विधायक कान सिंह कोटङी, कुंवर परम विजय सिंह पोकरण, ठाकुर हदमत सिंह ललिया, ठाकुर विजय सिंह, महेश नागर, ठाकुर साहब रामपुर ठाकुर साहब,चक्रवती सिंह जोजावर पाली, धुंधाड़ा ठाकुर अजय सिंह, ईश्वर सिंह भवरानी, आदि समेत देश-विदेश के संत व 36 कोम के हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।