महाराजश्री बोले, संत का पूरा जीवन धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित रहता है
नई दिल्लीः
साकेत स्थित स्वामी प्रज्ञानंद आश्रम में आराध्यदेव गुरूदेव विश्व संत महामंडलेश्वर प्रज्ञानंद गिरी महाराज के चतुर्थ पुण्य स्मरण महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में विश्व माता गायत्री ट्रस्ट की ओर से ंिहंदू सनातन धर्म, आध्यात्म, राष्ट्र व समाज सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज का अभिनंदन किया गया। महाराजश्री को तलवार, प्रतीक चिंह व अभिनंदन पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज को सम्मानित किया गया:-
महाराजश्री को यह सम्मान मातृनीड जसविंदर इंकलैव भूपतवाला हरिद्वार में आयोजित समारोह में दिया जाना था। व्यस्तता के चलते वे समारोह में नहीं जा पाए तो प्रज्ञापीठाधीश्वर श्री मां साध्वी विभानंद गिरि महाराज ने गुरूवार को अपने गुरू आराध्यदेव गुरूदेव विश्व संत महामंडलेश्वर प्रज्ञानंद गिरी महाराज के चतुर्थ पुण्य स्मरण महोत्सव में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया और उनका अभिनंदन किया। साध्वी विभानंद गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज की जीवन साधना ही सबसे बडा सम्मान है। महाराजश्री सामाजिक समरसता के संवाहक व सनातन संस्कृति के रक्षक हैं। राष्ट्र की उन्नति, एकता, अखंडता, शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण साहित्य जगत के लिए उन्होंने अपना जीवन पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया है। वे आध्यात्म जगत के सूर्य व सच्चे संयासी हैं और देश-विदेश में भारतीय संस्कृति का परचम लहरा रहे हैं।
उनके विचारों को इंटरनेशनल टीवी चैनल, राष्ट्रीय अखबार, पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित करते हैं, जिनसे समाज व राष्ट्र ही नहीं पूरा विश्व प्रेरणा व मार्गदर्शन लेता है। ऐसे महान संत को प्रज्ञा रत्न से सम्मापित करते हुए विश्व माता गायत्री ट्रस्ट खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। महाराजश्री ने कहा कि यह उनका नहीं दिल्ली संत महामंडल व देश के प्रत्येक संत का सम्मान है। संत का पूरा जीवन ही समाज व राष्ट्र के प्रति समर्पित होता है। वे तो भगवान के एक छोटे से सेवक के रूप में समाज, राष्ट्र व विश्व के प्रति अपना कर्त्तव्य व दायित्व पूरा कर रहे हैं। इस जग को एक दिन सभी को छोडकर जाना है। अतः हम सभी को समाज व राष्ट्र के प्रति अपने फर्ज को पूरा करना चाहिए। हर जीव को भगवान का रूप मानकर उसकी सेवा करनी चाहिए। आराध्यदेव गुरूदेव विश्व संत महामंडलेश्वर प्रज्ञानंद गिरी महाराज ने अपना पूरा जीवन समाज, राष्ट्र, विश्व कल्याण, धर्म, आध्यात्म, सनातन संस्कृति की सेवा के लिए समर्पित किया और उनकी शिष्या साध्वी विभानंद गिरि महाराज भी आज अपने गुरू के दिखाए मार्ग पर चलते हुए धर्म, समाज व राष्ट्र सेवा की मिसाल कायम कर रही हैं।
दिल्ली संत महामंडल के संस्थापक अध्यक्ष श्रीमहंत राघवेंद्रानंद महाराज, कृष्ण विद्यार्थी महाराज, दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज महंत सोम गिरी गुडगांव, दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज आरटीओ दिल्ली, महंत सतीश दास महाराज, कोतवाल मंगलदास महाराज, महंत ओमप्रकाश गिरी महाराज लंबे हनुमान करोलबाग नई दिल्ली, महंत दीनबंधु दास महाराज, महामंडेश्वर राम गोविंद दास महाराज, विहिप दिल्ली के अध्यक्ष कपिल खन्ना, दिल्ली ब्राहमण सभा के अध्यक्ष सुदेश शर्मा आदि भी मौजूद रहे। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन भी हुआ जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।