राम कथा भक्त को भगवान से जोड़ने की कथा हैः वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मॠषि वेदांती महाराज
मन के रावण का अंत करते ही भगवान राम की प्राप्ति हो जाएगीः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज
गाजियाबादः
श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में संत सनातन कुंभ में बाल्मीकि रामायण पर आधारित आयोजित 9 दिवसीय रामकथा का मंगलवार को समापन हो गया। श्रीराम कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड पडी। शहर भर से श्रद्धालु श्रीराम कथा का अमृतपान करने के लिए पहुंचे। वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मॠषि वेदांती महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान जहां दीन-दुखियों व वनवासियों के कष्ट दूर किए, वहीं उन्हें संगठित कर समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म किया। भगवान राम ने रावण का वध कर सत्य व धर्म की स्थापना कर संदेश दिया कि बुराई, असत्य व अधर्म अधिक समय तक नहीं रहता है। अंततः अधर्म पर धर्म की ही जीत होती है। राम कथा भक्त को भगवान से जोड़ने की कथा है और हमें यह संदेत देती है कि कैसे भी संकट में हमें घबराना नहीं चाहिए और सत्य से विमुख नहीं होना चाहिए।
भगवान पर विश्वास करते हुए अपना कर्म करें, हर संकट व विपत्ति दूर हो जाएगी। वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मॠषि वेदांती महाराज ने भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का वर्णन व राम दरबार की आकर्षक झांकी प्रस्तुति की तो मंदिर परिसर ही नहीं आसपास का क्षेत्र भी भगवान राम के जयकारों से गूंजायमान हो गया। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि प्रभु राम हमारे आचरण और हमारे उत्तम विचार में अवश्य विराजमान होने चाहिए। यही हमारी सबसे बड़ी राम भक्ति होगी। भगवान राम ने आदर्श राजा, उत्कृष्ट भाई, श्रेष्ठ पुत्र, महान मित्र की भूमिका एक साथ निभाकर हमें जीवन जीने की कला सिखाई। जिस दिन हम अपने अंदर के सारे क्लेश, पाप, कुविचार व मन के रावण का अंत कर देंगे, प्रभु राम की भक्ति स्वतः ही मिल जाएगी। रामायण की पूजा-अर्चना व आरती के बाद प्रसाद का वितरण भी किया गया।