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श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य में नवरात्र के दूसरे दिन पांच स्थानों पर मां ब्रहमचारिणी की पूजा-अर्चना हुई

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती हैः महाराजश्री

श्री रानी भटियानी मंदिर संस्थान जासोल धाम, बालोतरा राजस्थान में अध्यक्ष रावल किशन सिंह व संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने मां ब्रहमचारिणी व मां रानी भटियानी की पूजा-अर्चना की राजस्थानः श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता व पावन सानिध्य में देश में पांच स्थानों चार मंदिरों व एक आश्रम पर चल रहे नवरात्रि अनुष्ठान के दूसरे दिन मां ब्रहमचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। मां के जयकारों पांचों स्थान गूंजते रहे। विश्व प्रसिद्ध श्री रानी भटियानी मंदिर संस्थान जासोल धाम, बालोतरा राजस्थान में मंदिर के अध्यक्ष रावल किशन सिंह की अध्यक्षता में चल रहे अनुष्ठान में पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड उमड पडी। मां ब्रहमचारिणी व मां रानी भटियानी के जयकारों से मंदिर दिन-रात गूंज रहा है। रावल किशन सिंह व उनकी पत्नी ने मां ब्रहमचारिणी व मां रानी भटियानी की पूजा-अर्चना की। मंदिर के संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने मां ब्रहमचारिणी व मां रानी भटियानी की पूजा-अर्चना की व विश्व कल्याण की कामना के साथ हवन में आहुति दी।

नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्‍वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा:-

इस अवसर पर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्‍वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में अच्छे गुण आते हैं। साथ ही त्याग, सदाचार और संयम की भावना बढ़ती है। मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया था। नारद मुनि के कहने पर उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की। हजारों वर्षों तक उनकी कठोर तपस्या के कारण ही उन्हें तपस्विनी या ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। यह दिन हमें सिखाता है कि सच्ची श्रद्धा और दृढ़ निश्चय से हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। गाजियाबाद के विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आचार्य नित्यानंद, रोहित त्रिपाठी सामवेदी व श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के विद्यार्थियों ने मां ब्रहमचारिणी व मां बगलामुखी देवी की पूजा-अर्चना की। सिद्धपीठ प्राचीन श्री देवी मंदिर दिल्ली गेट गाजियाबाद में महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने माता बाला त्रिपुर सुंदरी व मां ब्रहमचारिणी की पूजा-अर्चना की। वृंदावन के नित्यानंद आश्रम में विष्णु प्रयाग गिरि महाराज व आचार्य उमेश शर्मा ने मां ब्रहमचारिणी का पूजन करराया। सिद्धेश्वर महादेव कुटी मंदिर पाईप लाईन रोड मुरादनगर में महंत मुकेशानंद गिरि महाराज वैद्य ने मां ब्रहमचारिणी का पूजन कराया।

सिद्धपीठ प्राचीन श्री देवी मंदिर दिल्ली गेट गाजियाबाद में महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने माता बाला त्रिपुर सुंदरी व मां ब्रहमचारिणी की पूजा-अर्चना की।

श्री सिद्धेश्वर महादेव कुटी द्वारा नवरात्रि पर कलश यात्रा निकाली गई:

मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए भक्तों ने महंत मुकेशानंद गिरि महाराज का आशीर्वाद लिया
मुरादनगरः
श्री सिद्धेश्वर महादेव कुटी पाइप लाइन रोड मकरेडा में श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता व पावन सानिध्य में नवरात्रि अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। अनुष्ठान का शुभारंभ कलश यात्रा से हुआ जिसमें 101 महिलाएं शामिल हुईं। प्रथम दिन शैलपुत्री का पूजन हुआ। वहीं दूसरे दिन मां के दूसरे स्वरूप ब्रहमाचारिणी की पूजा-अर्चना हुई। आचार्य बृजेश कुमार मिश्र, पंडित संजय मिश्र व दीपक पाठक ने मां का पूजन व यज्ञ कराया। बडी संख्या में भक्तों ने मां की पूजा-अर्चना की व हवन में आहुति दी। सभी ने मंदिर के महंत मुकेशानंद गिरि महाराज वै़द्य से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया।

1 Comment

  • purshottam Lal Gour
    October 5, 2024

    Jaiho matarani

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