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मां चंद्रघंटा की उपासना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज


महाराजश्री के पावन सानिघ्य में राजस्थान, गाजियाबाद व वृंदावन के आठ स्थानों पर चल रहे नवरात्रि अनुष्ठानों में भक्तों की भीड़ उमड़ी
गाजियाबादः
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता व पावन सानिध्य में देश में आठ स्थानों सात मंदिरों व एक आश्रम पर चल रहे नवरात्रि अनुष्ठान के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की गई। साथ ही कन्या पूजन किया गया। मां की पूजा-अर्चना के लिए देवी भक्तों की भीड़ लगी रही। विश्व प्रसिद्ध श्री रानी भटियानी मंदिर संस्थान जासोल धाम, बालोतरा राजस्थान में मंदिर के अध्यक्ष रावल किशन सिंह की अध्यक्षता में चल रहे अनुष्ठान में पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की कतार लगी रही। मां चंद्रघंटा व मां रानी भटियानी के जयकारों से मंदिर गूंजता रहा। रावल किशन सिंह ने मां चंद्रघंटा व मां रानी भटियानी की पूजा.अर्चना की व कन्या पूजन किया। मंदिर के संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने मां चंद्रघंटा व मां रानी भटियानी की पूजा.अर्चना की व विश्व कल्याण की कामना से किए जा रहे हवन में भाग लिया। इस अवसर पर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। यह मां दुर्गा का तीसरा रूप है। इनके माथे पर अर्धचंद्र होने के कारण ही इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।

मां चंद्रघंटा की उपासना करने वाले भक्त को सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है और सारे काम में सफलता मिलती है। मां चंद्रघंटा के भीतर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति निहित है। माता अपने भक्तों का कल्याण करती हैं और उनकी सारी मनोकामना की पूर्ति होती है। मां चंद्रघंटा की विधिवत पूजा करने से और कथा का पाठ करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है। महाराजश्री के पावन सानिध्य में बाड़मेर जिले के तिलवाड़ा व पलिया में आदि पुरुष संत शिरोमणि रावल मल्लीनाथ और राणी रूपादे के मंदिर में चल रहे नवरात्रि अनुष्ठान में श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने शनिवार को मां चंद्रघंटा, रावल मल्लीनाथ व राणी रूपादे का दर्शन-पूजन किया व हवन में आहुति दी।

इसके बाद उन्होंने मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल व कुंवर हरिशचंद्र सिंह के साथ भंडारे का शुभारंभ किया जिसमें हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। गढ ठिकाना व शिव तालाब में आयोजित नवरात्रि अनुष्ठान में भी भाग लिया और मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की। गाजियाबाद के विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आचार्य नित्यानंद, रोहित त्रिपाठी सामवेदी, अतुल शर्मा, शंकर झा, योगेंद्र शर्मा व श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के विद्यार्थियों ने मां चंद्रघंटा व मां बगलामुखी देवी की पूजा-अर्चना की। सिद्धपीठ प्राचीन श्री देवी मंदिर दिल्ली गेट गाजियाबाद में महंत गिरिशानंद गिरि महाराज व महंत विजय गिरि महाराज ने माता बाला त्रिपुर सुंदरी व मां चंद्रघटा की पूजा-अर्चना की। वृंदावन के नित्यानंद आश्रम में नित्यानंद व विष्णु प्रयाग गिरि महाराज समेत पांच आचार्यो ने मां चंद्रघंटा का पूजन कराया। सिद्धेश्वर महादेव कुटी मंदिर पाईप लाईन रोड मुरादनगर में महंत मुकेशानंद गिरि महाराज वैद्य ने मां चंद्रघंटा का पूजन किया।

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