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स्कंदमाता प्रेम और ममता का प्रतीक हैंः महाराजश्री के पावन सानिध्य में आठ स्थानों पर चल रहे नवरात्रि अनुष्ठान में सोमवार को स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड उमडी

विश्व प्रसिद्ध श्री रानी भटियाणी मंदिर संस्थान जासोल धाम में रावल किशन सिंह व मंदिर के संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने मां की पूजा-अर्चना की राजस्थानः श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता व पावन सानिध्य में देश में आठ स्थानों सात मंदिरों व एक आश्रम पर चल रहे नवरात्रि अनुष्ठान के पाचवें दिन सोमवार को मां के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना हुई। स्कंदमाता पूजा-अर्चना के लिए आठों स्थानों पर भक्तों की भीड उमड पडा। विश्व प्रसिद्ध श्री रानी भटियाणी मंदिर संस्थान जासोल धाम, बालोतरा राजस्थान में मंदिर के अध्यक्ष रावल किशन सिंह की अध्यक्षता में चल रहे अनुष्ठान में देश भर के भक्तों ने पूजा.अर्चना की। रावल किशन सिंह व मंदिर के संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने मां स्कंदमाता व मां रानी भटियाणी की पूजा-अर्चना की व विश्व कल्याण की कामना से हवन में आहुति दी। महाराजश्री के सानिध्य में रावल किशन सिंह व कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने कन्या पूजन भी किया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। स्कंदमाता प्रेम और ममता का प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है। साथ ही बच्चों को लंबी उम्र मिलती है।

मां स्कंदमाता ज्ञान, इच्छाशक्ति और कर्म का समन्वय हैं। स्कंदमाता परम शांति और सुख का अनुभव कराती हैं। स्‍कंदमाता की तस्‍वीर या प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध कर पुष्प व फल चढ़ाने चाहिए। एक कलश में पानी भरकर कुछ सिक्‍के डालने चाहिए। मां स्कंदमाता का रंग पूर्णतः सफेद है और ये कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं, जिसके कारण इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। आज सोमवार है और सफेद रंग शिव जी को भी प्रिय है। सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक है। मान्यता है कि सोमवार को सफेद वस्त्र पहनने से मां सदा निरोगी रहने का आशीर्वाद देती हैं। श्री रानी भटियाणी मंदिर संस्थान बालोतरा राजस्थान में आचार्य तोयराज उपाध्याय, पंडित आयुष, दीपांशु मिश्रा, भगवत शर्मा, मनोहर लाल अवस्थी, खनाल जी मालाजाल और निज मन्दिर में मोहित पांडे ने स्कंदमाता व मां रानी भटियाणी की पूजा-अर्चना कराई।

महाराजश्री के सानिध्य में गढ़ में तीर्थराज दहाल व विकास शर्मा, पलिया रूपादे मंदिर में आचार्य गौरव शर्मा व विपिन शुक्ला तथा शिव तलाब नर्मदेश्वर मंदिर में आचार्य शिव गौतम व आदित्य शर्मा ने पूजा-अर्चना कराई। विश्व के प्रमुख मंदिर सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में मंदिर श्रृंगार समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल, मां के सेवक अजय चोपडा समेत बडी संख्या में भक्तों ने स्कंदमाता की पूजा.अर्चना की व शतचंडी महायज्ञ में आहुति दी। पूजा.अर्चना श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के सचिव आचार्य लक्ष्मीकांत पाढी, आचार्य रोहित त्रिपाठी सामवेदी, अतुल शर्मा ने पूजा.अर्चना कराई। शंकर झा व गौरव शर्मा ने सभी व्यवस्थाएं कराईं। सिद्धपीठ प्राचीन श्री देवी मंदिर दिल्ली गेट गाजियाबाद में महंत गिरिशानंद गिरि महाराज व महंत विजय गिरि महाराज ने माता बाला त्रिपुर सुंदरी व स्कंदमाता की पूजा.अर्चना की। सिद्धेश्वर महादेव कुटी मंदिर पाईप लाईन रोड मुरादनगर में महंत मुकेशानंद गिरि महाराज वैद्य ने स्कंदमाता का पूजन व हवन कराया। वृंदावन के नित्यानंद आश्रम में आचार्य अमित शर्मा, नित्यानंद व विष्णु प्रयाग गिरि महाराज ने मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की।

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