महाराजश्री ने गोवत्स द्वादशी पर श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर की गौशाला में गौमाता की सेवा की
गाजियाबादः
गोवत्स द्वादशी का पर्व सोमवार को सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य में हर्षोल्लास से मनाया गया। बडी संख्या में भक्तों ने गो सेवा कीं। गोवत्स द्वादशी पर सोमवार को महाराजश्री ने गो सेवा की। मंदिर की गोशाला में 60 गो माता हैं। सभी क महाराजश्री ने सेवा व पूजा-अर्चना की तथा उन्हें ग्रो ग्रास अपने हाथांें से खिलाया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा किहिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गाय की सेवा मात्र से ही व्यक्ति के जीवन के तमाम संकटों का अंत हो जाता है।
बड़े से बड़े कष्ट भी सिर्फ गौमाता के पूजन से दूर हो जाता है। क्योंकि गाय में 33 कोटि देवी देवताओं का वास माना गया है। इसी कारण गाय की सेवा से सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे परिवार को सुख.समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। गौमाता की सेवा से कुंडली का दोष तक दूर हो जाता है और पितृदोष आदि के कारण आने वाली बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है। गौमाता की सेवा का कितना महत्व है, इसका अंदाजा इसी बात सेलगायाजा सकता कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भी उनकी सेवा की और इसी कारण उनका एक नाम गोपाल भी है। महाराजश्री ने कहा कि धर्म की दृष्टि से ही नहीं, विज्ञान की दृष्टि से भी गौ माता का बहुत अधिक महत्व है। गौ माता के दूध, गोबर, मूत्र आदि से अनेक प्रकार की बीमारियां भी दूर हो जाता है। गाय की जहां सेवा होती है, वहां से सारी नकारात्मकता भी दूर हो जाती है। महाराजश्री ने कहा कि जो भी मनुष्य
गौ माता करती सदा भव सागर से पार,
इनकी आप सेवा करो जीवन देेगी तार
की भावना से सेवा करेगा, उसके सभी दुखों का अंत होगा और उसका जीवन सुखमय हो जाएगा।