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गुरूकुल शिक्षा पद्धति को अपनाकर ही हम पुनः विश्व गुरू बन सकते हैंः आचार्य सुधांशु महाराज

आज समाज को आचार्य सुधांशु महाराज जैसे संतों की ही जरूरत हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज
विश्व जागृति मिशन के गुरूग्राम स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर में आयोजित सनातन धर्म जागृति सत्संग के अंतिम दिन संत सम्मेलन में महाराजश्री मुख्य अतिथि रहे
गुरूग्रामः
विश्व जागृति मिशन के सेक्टर 9 स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर में संस्थापक विश्व प्रसिद्ध धर्म गुरू आचार्य सुधांशु महाराज की अध्यक्षता में तीन दिवसीय सनातन धर्म जागृति सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग के अंतिम दिन अखिल भारतीय संत सम्मेलन हुआ जिसमें श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता वव दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण गिरि महाराज मुख्य अतिथि के रूप में हुए। कल्कि धाम संभल के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोी दास महाराज, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, महामंडलेश्वर शिवचंद्रानंद महाराज, महामंडलेश्वर दीनबंधु दास महाराज, महामंडलेश्वर अजबदास महाराज महामंडलेश्वर धर्म देव महाराज दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष धीरज पुरी महाराज व कोतवाल मंगलदास महाराज विशिष्ट अतिथि रहे। आचार्य सुधांशु महाराज ने कहा कि भारत को गुरूकुल शिक्षा पद्धति ने ही महान व विश्व गुरू बनाया था। यह दुर्भाग्य की बात है कि हम अपनी प्राचीन गौरवमयी, वैभवशाली व सम्पूर्ण विश्व को मार्ग दिखाने वाली गुरूकुल शिक्षा पद्धति को छोडकर पाश्चात्य शिक्षा पद्धति को अपना रहे हैं। इसी के चलते आज देश में इतनी विषमताएं व समस्याएं हैं। भारत को प्राचीन समय में सोने की चिडिया कहा जाता था, तो उसका मुख्य कारण चारों तरफ फैला ज्ञान का प्रकाश था। ज्ञान के बल पर हमें मान-सम्मान, वैभव, अच्छे संस्काार, संवदेना, मानवता, नर सेवा को ही नारायण जैसे गुण प्राप्त हुए और हम विश्व में सर्वश्रेष्ठ थे।

अपनी प्राचीन,गौरवमयी, वैभवशाली संस्कृति व परम्परा को पुर्नप्रतिष्ठत करते हुए भारत को फिर से विश्वगुरू बनाने के लिए ही उन्होंने रामनवमी के पावन दिन 24 मार्च 1991 को मिशन की स्थापना के समय देश ही नहीं पूरे विश्व में गुरूकुलों की स्थापना का संकल्प लिया था। तीन गुरूकुलों की स्थापना की जा चुकी है और 2027 तक 10 गुरूकुलों की स्थापना करेंगे। मुख्य अतिथि श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि आचार्य सुधांशु महाराज सत्य सनातन धर्म की पावनी गंगा के विशुद्ध स्वरूप को जन- जन तक पहुंचाने, भारत के प्राचीन ऋषियों के ज्ञान की धरोहर को पूरे विश्व में पहंुंचाने, धर्म में विज्ञान सम्मत दृष्टिकोण के साथ आदर्श एवं व्यवहारिक पक्ष को जोड़कर सामान्य जन तक प्रभु सन्देश को पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। आज समाज को उन जैसे संतों की ही जरूरत है, जो ना सिर्फ सनातन धर्म की पताका पूरे विश्व में फहरा सकें, वरन अच्छे संस्कार, मानवता, संवदेना, समानता व विश्व कल्याण का पाठ भी पढा सकें। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वे ऐसी धरा से आए हैं, जहां कलियुग में भगवान का कल्कि अवतार होगा। आचार्य सुधांशु महाराज भगवान के सच्चे दंेत के यप में ही पूरे विश्व को धर्म, आध्यात्म, ज्ञान, संस्कार व मानवता का मार्ग दिखा रहे हैं। वे पूरे विश्व में उसी प्रकार सनानत धर्म व भारतीय संस्कृति को फैलाने का कार्य कर रहे हैं, जिस प्रकार का कार्य आज प्रयागराज का महाकु्रभ कर रहा है। आचार्य सुधांशु महाराज व प्रयागराज महाकुंभ पूरे विश्व में सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति की पहचान बन गए हैं। गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा किहमारे जीवन का पूरा सार गीता में निहित हैै। उस को पढ़कर हम अपने जीवन में होने वाले हर अच्छे कर्म को प्राप्त कर सकते हैं, अतः इसलिए हमें गीता को नियमित पढ़ना चाहिए।

गीता में कहा गया है :-

गीता में कहा गया है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है और आचार्य सुधांशु महाराज भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा को आत्मयात करते हुए पूरे विश्व में नर सेवा नारायण सेवा का संदेश दे रहे हैं। महामंडलेश्वर शिवचंदानंद महाराज ने कहा कि आचार्य सुधांशु महाराज सम्पूर्ण विश्व में शान्ति, सौहार्द्र, भ्रातृभाव, सहयोग और अहिंसा की पावन गंगा बहाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ ने पूरे विश्व का सनातन धर्मकी महानता का अहसास कराया है। इस अहसास को हमें निरंतर बनाए रखना होगा, तभी सनातन धर्म एक बार पूरे विश्व में अपना परचम लहराएगा। महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ ने सनातन धर्म की एकता, महानता व दिव्यता के दर्शन कराए हैं। आचार्य सुधांशु महाराज भी प्रयागराज महाकुंभ की भांति ही सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में फहराने का कार्य कर रहे हैं। महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज ने कहा कि आचार्य सुधांशु महाराज ऐसे समाज के लिए प्रयासरत हैं, जिसमें हर व्यक्ति के आंगन में खुशियों,संस्कार, ज्ञान व मानवता के कमल मुस्कुरायें। सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे उनके कार्योसेआज पूरा विश्व प्रेरणा ले रहा है। महामंडलेश्वर दीनबंधु दास महाराज ने कहा कि आचार्य सुधांशु महाराज विश्व जागृति मिशन के के माध्यम से समूची मानव जाति का कल्याण कर रहे हैं और भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म व आध्यात्मिक जागृति की मशाल जला रहे हैं। महामंडलेश्वर अजबदास महाराज ने कहा कि आचार्य सुधांशु महाराज समाज के दीन-हीन, गरीब, उपेक्षित वृद्धजनों, अशिक्षितों व अनाथों की पीड़ा हरने का कार्य कर रहे हैं। सम्मेलन में प्रयागराज महाकुंभ को लेकर भी चर्चा की गई। संतों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारत पुनः विश्व गुरू बनने के मार्ग पर अग्रसर है। मनोज शास्त्री ने श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज व अन्य संतों का स्वागत अभिनंदन किया।

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