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धर्म जागरण चेतना यात्रा व देव दर्शन यात्रा के पांचवे दिन श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने हजारों लोगों को नशे से सदैव दूर रहने का संकल्प दिलाया

महाराजश्री ने श्री हिंगलाज मंदिर, श्री क्षणकरी माताजी, श्री चामुंडा माताजी व श्री काली माताजी तथा श्री श्री 1008 रायपुरी महाराज मंदिर में दर्शन-पूजन किया

राजस्थानः
राजस्थान की सात दिवसीय धर्म जागरण चेतना यात्रा व देव दर्शन यात्रा के पांचवें दिन सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर गाजियाबाद के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने विभिन्न मंदिरों में जाकर देव दर्शन व पूजन किया। श्री हिंगलाज माताजी मंदिर समदडी मठ अलख दरबार झूंपा मठ में 17 से 20 अप्रैल तक मूर्ति स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हुआ था। मंदिर के श्रीमहंत मृत्युंजय पुरी महाराज के दिशा-निर्देशन में हुए महोत्सव में हजारों संतों व श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बुधवार को मंदिर में दर्शन-पूजन किया। महाराजश्री ने बताया कि समदडी शुरू से ही शूरवीरों व संतों की तपो भूमि रहा है। यहां पर हर जाति, बिरादरी के मंदिर बने हुए हैं। विक्रम सम्वत 1735 में जब चेनकरण जी समदडी विराजते थे, तब हिंगलाज माता मंदिर साधु-संतों व अन्न-धन से भरपूर रहा करता था। विक्रम सम्वत 2022-23 में यहां पर गंगाशरण पुरा महाराज आकर रहने लगे, जो श्री पंच दशनाम जूना अखाडे के महंत थे और बहुत ही सिंद्ध व तपस्वी संत थे। महाराजश्री ने सेला नगर में श्री क्षणकरी माताजी, श्री चामुंडा माताजी व श्री काली माताजी के नवनिर्मित मंदिर में दर्शन पूजन किया। मंदिर में मूर्ति स्थापना व प्राण्सा प्रतिष्ठा महोत्सव 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तक शक्ति उपासक भोपाजी मांगीलाल की देखरेख में हुआ था। महाराजश्री ने बताया कि सैला नगर ऐसी आध्यात्मिक नगरी है जहां शक्ति उपासक भोपा जी मांगीलाल जैसे सिद्ध पुरूष धर्म और अध्यात्म की निरन्तर ज्योत जला रहे हैं।

महोत्सव में ठाकुर सा मेघ सिंहज धवेसा और ठाकुर सा नरपत सिंह जी धवैसा ने विशेष योगदान दिया। बामसीन समदडी बालोतरा स्थित श्री श्री 1008 रायपुरी महाराज मंदिर में 13 व 14 अप्रैल को भव्य मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव हुआ था। उस समय महाराजश्री नहीं जा पाए थे। अब अपनी यात्रा के पांचवें दिन उन्होंने मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। उन्होंने भक्तों से मुलाकात कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में श्री सावित्री पीठाधीश्वर तुलसाराम महाराज गादीपति ब्रहमधाम असोतरा, महंत नित्य गोपाल राम महाराज गढी सिवाना, महंत उमाकांत गिरि महाराज मठ खंडप, महंत नरसिंग दास महाराज गादीपति गोविंदराम जी की बगीची समदडी, द्वारिकाधीश पीठ के महंत जगदीश महाराज, श्रीमहंत निरंजन भारती महाराज मठ खरटिया महंत दयाराम महाराज गादीपति श्री राजाराम धाम, महंत हरि भारती महाराज महंत निर्मल दास महाराज महंत राघव दास महाराज चेतनदास महाराज, आदि शामिल हुए थे।

श्री श्री 1008 रायपुरी महाराज:-

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि श्री श्री 1008 रायपुरी महाराज बहुत ही सिद्ध व तपस्वी संत थे। उन्होंने लाखों लोगों को धर्म व सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया व सनातन धर्म को मजबूत करने का कार्य किया। श्री रायपुरी महाराज ने जीवित समाधि विक्रम सम्वत 1768 में ली थी। उनके संदेश आज भी भक्तों को सतमार्ग पर चलने व जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। महोत्सव में विधायक हमीर सिंह भायल, जोगराम पटेल, जोसराम कुमावत, उम्मेद राम चौधरी, मदन सिंह, पूर्व विधायक कान सिेह काटडी, बालराम चौधरी, सोहन सिंह भायल, सिणधारी देवी विश्नोई, भाजपा के जिलाध्यक्ष भरतजी मोदी, एसडीएम सुरेंद्र सिंह खंगोरोत, विकास अधिकारी शैतान सिंह, करनाराम पटेल, सीआई थाना अधिकारी ओमप्रकाश गोदारा आदि भी मौजूद रहे। पुजारी अमर गिरि गोस्वामी ने सभी का स्वागत किया। प्राण प्रतिष्ठा पंडित मुकेश दवे ने कराई। घेरावराम, धनाराम, खंगाराराम, चौथराम, मानाराम, वागाराम, समारामए कानाराम, मादाराम, समाराम, उम्मेदराम, धनराम, मंगलाराम, विशनाराम, अमर राम, हरिराम, चतरराम राजपुरोहित, सांवलराम, लक्ष्मणराम, छोगाराम, रूपाराम देवासी मांगीलाल, ठाकुर सुरेंद्र सिंह चम्पावत, सरपंच मीरा देवी घेवरराम, सवाराम, जोगाराम, घनश्याम आदि भक्तों ने प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में सहयेाग दिया। महाराजश्री ने नशा विराम एक प्रयास के अभियान के तहत विभिन्न गांवों में घर-घर जाकर लोगों को हाथ में रूद्राक्ष की माला व गंगाजल हाथ में लेकर उन्हें नशे से सदैव दूर रहने व सदैव धर्म तथा सतमार्ग पर चलते हुए दीन-दुखियों की मदद करने का संकल्प दिलाया।

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