मां चामुंडा के स्मरण मात्र से ही नकारात्मक प्रवृत्तियों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती हैः महाराजश्री
बालोतरा, राजस्थानः
राजपुरोहित पांचलोड परिवार द्वारा वीरभूमि बालोतरा की देवनगरी रमणिया नगर में श्री चामुडा माताजी मंदिर का निर्माण कराया गया है। नवनिर्मित मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर गाजियाबाद के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज शामिल हुए। चार दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 28 मई से शुरू हुआ था। पहले दिन जलयात्रा व शोभायात्रा, चंडी पाठ आदि का आयोजन हुआ। दूसरे दिन 29 मई को शतचंडी यज्ञ, पुष्पाधिवास, फलाधिवास, तीसरे दिन 30 मई को शिखर अभिषेक, शंकराधिवास, शयाधिवास का आयोजन हुआ। चौथे दिन शनिवार को प्रातः पूजन, तोरण वंदन, देवता विराजमान, स्वर्ण शिखर, अमर ध्वजा, प्राण प्रतिष्ठा व देव स्थापना, प्रतिष्ठा होम, अघोर होम, पूर्णाहुति, महाआरती, महाप्रसादी का आयोजन हुआ। प्राण प्रतिष्ठा आचार्य पं भूपेंद्र द्विवेदी, पं. विजय कुमार दवे व पं. महेंद्र कुमार दवे विधि-विधान के साथ कराई।










श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि चंड-मुड जैसे महादैत्यों का वध कर भक्तों की रक्षा करने वाली मां चामुंडा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने से ही सभी नकारात्मक प्रवृत्तियों का विनाश हो जाता है और जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली का प्रवेश होता है। राजपुरोहित पांचलोड परिवार सनातन धर्म, आध्यात्म व भारतीय संस्कृति का परचम देश-विदेश में फहराकर एक मिसाल कायम कर रहा है। ब्रहमा सावित्री पीठाधीश्वर ब्रहमा धाम आसोतरा तुलसाराम महाराज अध्यक्षता में कार्यक्रम पूर्ण हुए, महंत शंकरस्वरूप महाराज, दांडी स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज, महंत सत्यानंद ब्रहमचारी महाराज, महंत रामानंद महाराज, महंत निर्मलदास महाराज, महंत रणछोड भारती महाराज, महंत महावलवीर गिरि महाराज, महंत भीम गिरि महाराज आदि संतों ने भी शामिल होकर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शोभा बढाई। दयाराम, शंभू सिंह तिलवाडा, श्याम सिंह विजयवाडा, नाथू पुरी गुंटूर आदि भी मौजूद रहे। महाराजश्री ने शुक्लेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन किया और गुंटूर नाथू पुरी ब्रहमा सावित्री पीठाधीश्वर ब्रहमा धाम आसोतरा तुलसाराम महाराज से मुलाकात कर धर्म चर्चा भी की। आचार्य तयारोज उपाध्याय भी मौजूद रहे।