श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आयोजित गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान में बुधवार को मां धूमावती की पूजा-अर्चना हुई
गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य व अध्यक्षता में आयोजित गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान के सातवें दिन मां की सातवीं महाविद्या मां धूमावती की पूजा-अर्चना की। मंदिर में मां की पूजा-अर्चना करने व श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से आशीर्वाद लेने वालों का तांता लगा रहा। महाराजश्री ने कहा कि गुप्त नवरात्रि का सातवां दिन मां धूमावती को समर्पित हैण् माना जाता है कि मां धूमावती के दर्शन करने से पति और संतान को सुरक्षित रखा जा सकता है। मां अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करती हैं। मां धूमावती की गुप्त नवरात्रि में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। पूजा करने से पहले स्नान कर काले रंग के वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव कर जल, पुष्प, सिन्दूर, कुमकुम, अक्षत, फल, धूप, दीप तथा नैवैद्य आदि से मां का पूजन करना चाहिए व मां धूमावती की कथा सुननी चाहिए। धूमावती देवी का स्वरुप बड़ा मलिन और भयंकर है।






दरिद्रता नाश के लिए, तंत्र मंत्र,, जादू टोनाए बुरी नज़र, हर तरह के भय से मुक्ति के लिए मां धूमावती की साधना की जाती है। मां धूमावती श्वेत वस्त्र धारिणी है और इनका वाहन कौवा माना जाता है। मां धूमावती का अवतार पापियों के नाश के लिए हुआ। शरीर से उठते धुएं के कारण ही इनका नाम धूमावती पड़ा। मां धूमावती का देश में एकमात्र मंदिर मध्यप्रदेश के दतिया जिले में प्रसिद्ध शक्तिपीठ पीताम्बरा पीठ के प्रांगण में स्थित है। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां से कोई खाली झोली नहीं जाता है। राजा हो या रंकए मां सभी पर एक समान कृपा बरसातीं हैं। इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि भक्तों के लिए धूमावती का मंदिर शनिवार को सुबह.शाम 2 घंटे के लिए खुलता है और भक्तों को मां धूमावती के दर्शन का सौभाग्य सिर्फ आरती के समय ही प्राप्त होता है।