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महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज, महंत धीरेंद्र पुरी महाराज व कोतवाल मंगलदास महाराज ने देवशयनी एकादशी पर दूधेश्वर नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की

दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने सभी संतों का स्वागत किया
गाजियाबादः
देवशयनी एकादशी पर श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में भक्तों की भीड लगी रही। दिल्ली संत महामंडल के पदाधिकारियों ने भी देवशयनी एकादशी पर मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की व भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक किया। दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, संगठन मंत्री व श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के संगठन मंत्री श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज, दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज व कोतवाल मंगलदास महाराज ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर गाजियाबाद के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने सभी का स्वागत किया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि देवशयनी एकादशी का हिंदू सनातन धर्म में बहुत अधिक महत्व है। भगवान विष्णु सृटि के पालनकर्ता व रक्षक हैं। देवशयनी एकादशी पर वे भगवान शिव को सृष्टि के संचालन का कार्यभार सौंपकर चार माह की योग निंद्रा में चले जाते हैं। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता व रक्षक होने के साथ शुभकर्ता व मंगलकर्ता भी हैं। उनके बिना कोई भी कार्य शुभ व मंगलकारी नहीं होता है, इसी कारण उनके चार माह के लिए योग निंद्रा में जाते ही विवाह, गृह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्य भी बंद हो जाते हैं।

भगवान विष्णु देवउठान एकादशी :-

भगवान विष्णु देवउठान एकादशी को योग निंद्रा से बाहर आएंगे और उसी दिन से सभी मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाएंगे। भगवान भले ही योगनिंद्रा में हों, मगर उनकी पूजा-अर्चना बहुत अधिक फलदायी होती है। इसी कारण सावन मास में भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी होती है। महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन चार माह की योग निंद्रा में जाते हैं और इसी दिन से चातुर्मास भी शुरू हो जाता है और चातुर्मास का सतानत धर्म ही नहीं जैन धर्म में भी बहुत अधिक महत्व है। इस दौरान साधु-संत किसी एक स्थान पर ध्यानमग्न होकर भगवान की आराधना करते हैं। संगठन मंत्री व श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के संगठन मंत्री श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज ने कहा कि देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना बहुत ही शुभ रहता है। भगवान की कृपा से सभी दुखों व कष्टों का अंत होता है। दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज ने कहा कि देवशयनी एकादशी के बाद ही सावन आता है और सावन मास में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने व उनका अभिषेक करने से भक्तों की प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है। कोतवाल मंगलदास महाराज ने कहा कि देवशयनी एकादशी पर श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने से भगवान विष्णु व भगवान दूधेश्वर नाथ दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

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