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सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन मास के पहले दिन हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी

भगवान दूधेश्वर व हर हर महादेव के जयकारों से मंदिर परिसर ही नहीं आसपास का क्षेत्र भी गूंज रहा है
गुरूवार की रात्रि से ही मंदिर में भक्तों की भीड़ लगने लगी थी
मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने भगवान का अभिषेक व रूद्राभिषेक किया
गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन मास के पहले दिन हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई शहरों के भक्तों ने मंदिर में भगवान दूधेश्वर की पूूजा-अर्चना कर उनका जलाभिषेक किया। भगवान दूधेश्वर व हर हर महादेव के जयकारों से मंदिर ही नहीं आसपास का क्षेत्र भी गूंज रहा है। भक्तों ने सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद भी लिया। सावन के पहले सोमवार को भगवान के दर्शन के लिए गुरूवार की रात्रि से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। प्रातः 3 बजे मंदिर की ओर से भगवान का भव्य श्रृंगार किया गया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने भगवान का अभिषेक व रूद्राभिषेक किया।

भगवान दूधेश्वर :-

प्राचीन देवी मंदिर द्वारका पुरी दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने धूप आरती व दीप आरती की। भगवान को भोग लगाया गया और उसके बाद भगवान दूधेश्वर के जयकारों के बीच मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए। भगवान के दर्शन के लिए हजारों भक्त मंदिर पहुंचे जिससे लंबी कतार लग गई। भक्तों ने भगवान दूधेश्वर के साथ मंदिर में विराजमान सभी देव-देवताओं, सिद्ध गुरू मूर्तियों की समाधियों, नवग्रह व गौमाती की भी पूजा-अर्चना की व महाराजश्री से भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि सावन मास में भगवान दूधेश्वर की पूजा.अर्चना व उनका जलाभिषेक करना बहुत शुभ होता है। भगवान दूधेश्वर अपने भक्तों पर अपनी कृपा की बारिश करते हैं। महाराजश्री ने बताया कि सावन मास की शुरूआत शुक्रवार से हो गई है और इसका समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व पर होगा। सावन मास के दौरान चार सोमवार होंगेए जो शिवभक्तों को शुभ फल देने वाले होंगे।

सावन का महीना:-

इस बार सावन का महीना छोटा है। यह 30 दिन का नहीं बल्कि 29 दिन का है। सावन मास के छोटा होने का कारण यह है कि इस बार सावन मास में त्रयोदशी तिथि क्षय हो रहा है। इसी कारण सावन मास 30 नहीं बल्कि 29 दिन का हो जाएगाए मगर कम समय में ही यह अधिक फल देने वाला मास होगा। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि सावन मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय मास माना जाता है। जब यह मास आता है तो उस समय भगवान शिव भूलोक पर ही वास करते हैं और अपने भक्तों को श्रद्धा और भक्ति का पूर्ण आशीर्वाद देते हैं और उन पर अपनी कृपा की बारिश करते हैं। सावन मास में भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना, उनका अभिषेक- रूद्राभिषेक का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा करने वाले भक्त के सभी कष्टों व दुखों को भगवान दूधेश्वर हर लेते हैं और उनकी प्रत्येक मनोकामना को पूर्ण कर उनके जीवन को खुशियों से भर देते हैं। मंदिर में नियमित रूप से 40 दिन तक सच्चे मन से भगवान दूधेश्वर की पूजा.अर्चना करने वाले व 40 दिन तक दीप जलाने वाले भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा रहती है।

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