गाजियाबादः
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम सावन के अंतिम सोमवार को सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर पहुंचे। उन्होंने भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना की व जलाभिषंेक किया। आचार्य प्रमोद कृष्णम को अपने बीच देखकर भक्तों का जोश भी बढ गया और उन्होंने भगवान दूधेश्वर के जयकारों से मंदिर ही नहीं आसपास के क्षेत्र को भी गूंजायमान कर दिया। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से भेंट की। महाराजश्री ने उनका स्वागत अभिनदन किया। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह गाजियाबादवासियों का सौभाग्य है कि उन्हें भगवान दूधेश्वर के दर्शन बहुत ही सुलभता व सरलता के साथ होते हैं।











भगवान दूधेश्वर भगवान शिव का ही स्वरूप है। भगवान शिव ही मंदिर में भगवान दूधेश्वर के रूप में विराजमान हैं और उनकी पूजा-अर्चना करने व जलाभिषेक करने मात्र से ही भक्तों के सभी दुख-दर्द हो जाते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली का वास होता है व प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने मंदिर की ख्याति को विश्व में भर पहुंचा दिया है। वे भारतीयता व सनातन धर्म कर पताका विश्व भर में फहरा रहे हैं। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि कलियुग में भगवान विष्णु भगवान कल्कि के रूप में अवतार लेंगे और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कल्कि धाम की स्थापना कर भगवान के आगमन व स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं और धाम ही नहीं आसपास के क्षेत्र को भी पवित्र व भक्तिमय बना दिया है। आज कल्कि धाम विश्व के प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र के रूप में अपन पहचान बना रहा है तो इसका श्रेय आचार्य प्रमोद कृष्णम को ही है.