निरीक्षण के बाद संतों की बैठक में लोगों के अंदर धार्मिक चेतना पैदा करने का निर्णय लिया गया
वृंदावनः
जूना अखाड़ा की शाखा दत्त बिहारी मंदिर गांधी मार्ग श्री महेशानंद श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा में चल रहा निर्माण कार्य पूरा हो गया। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशन व नेतृत्व में गुरूवार को दत्त बिहारी मंदिर का निरीक्षण किया गया। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के साथ जूना अखाड़े के सभापति श्रीमहंत मोहन भारती महाराज, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर के पीठाधीश्वर व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज, जूना अखाड़े के महामंत्री श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, मंत्री श्रीमहंत ओम भारती महाराज, मंत्री श्रीमहंत महाकाल गिरि महाराज, मंत्री व दिल्ली संत महामंडल के संगठन मंत्री श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज, दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज समेत सैकडों साधु-संत साथ रहे। निरीक्षण के बाद श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच धार्मिक चेतना फैलाने व सनातन धर्म को मजबूत करने का निर्णय लिया।





श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा:-
श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि जूना अखाड़ा की शाखा दत्त बिहारी मंदिर गांधी मार्ग श्री महेशानंद श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा में भव्य इमारत का निर्माण पूरा हो गया है। अब यह इमारत भगवान श्रीकृष्ण व राधा-रानी को समर्पित है। शाखा की इमारत का निर्माण इस प्रकार से कराया गया है कि यहां आते ही वृंदावन के कण-कण व जन-जन में भगवान कृष्ण व राधा रानी के व्याप्त होने का साक्षात्कार होगा और भक्तों का जीवन सफल होगा। श्रीमहंत मोहन भारती महाराज ने कहा कि वृंदावन की पावन धरा पर जूना अखाड़ा की शाखा दत्त बिहारी मंदिर गांधी मार्ग श्री महेशानंद श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा धर्म, आध्यात्म व भारतीय संस्कृति की मिसाल बनेगी। यहां भक्तों को सच्चे आनंद का अहसास होगा।



श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा :-
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा भारत के सभी 13 अखाड़ों में से सबसे बड़ा अखाड़ा है। जूना अखाड़ा सबसे पुराने और सबसे प्रभावशाली मठों में से एक है। जूना शब्द का अर्थ ष्पुराना- प्राचीन और अखाड़ा का अर्थ आध्यात्मिक अधिकारियों की सभा है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा धर्म व आध्यात्म के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि शिक्षा, पर्यावरण, भारतीय संस्कृति, परम्परा व विरासत के संरक्षण में भी अग्रणीय है। जरूरतमंदों की सेवा कर यह नर सेवा नारायण सेवा को साकार रूप दे रहा है। अखाड़े में यह सुनिश्चित किया जाता है कि हमारा गौरवमयी प्राचीन ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहे। जूना अखाड़ा का इतिहास बहुत समृद्ध, विविध व गौरवशाली है। जूना अखाड़े के नागा साधुओं ने मंदिरों व मठों की रक्षा के लिए मुगल सेना से भी लोहा लिया है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के दिशा-निर्देशन व पावन सानिध्य में आज जूना अखाड़ा विश्व भर में सनातन धर्म, भारतीय ज्ञान, संस्कृति, परम्परा व विरासत का परचम फहरा रहा है।