Back to all Post

श्री राणी रूपादे जी मंदिर परिसर में तीन भव्य मंदिरों का भूमि पूजन-श्रीमहंत नारायण गिरि जी महाराज के पावन सान्निध्य में हुआ आयोजन

बालोतरा, जसोल।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्री महंत नारायण गिरि महाराज के पावन सान्निध्य में बुधवार को पालिया (तिलवाड़ा) स्थित श्री राणी रूपादे जी मंदिर परिसर में भूमि पूजन सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर नर्बदेश्वर महादेव, श्री नागणेच्या माता एवं देवी योगमाया के तीन भव्य एवं दिव्य मंदिरों के निर्माण का कार्य भी प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रूपादे संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल ने की। संयोजन एवं व्यवस्थाओं का दायित्व संस्थान प्र. उपाध्यक्ष कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल ने निभाया।

भूमि पूजन के दौरान गोरखनाथ पीठ के पूर्व महंत ब्रह्मलीन महंत युगपुरुष दिग्विजयनाथ महाराज के वंशज जर्नादन सिंह ककरवा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधिविधान का संचालन आचार्य तोयराज उपाध्याय एवं आचार्य नित्यानंद के नेतृत्व में श्री दूधेश्वर वेद विद्या संस्थान के 21 ब्राह्मणों द्वारा सम्पन्न किया गया।

महाराज श्री ने अपने उद्बोधन में कहा—


“श्री राणी रूपादे जी मंदिर की ख्याति देश-विदेश में है। यहां आने वाले भक्त अपने कष्टों, दुखों और रोगों से मुक्ति पाते हैं। अब नर्बदेश्वर महादेव, श्री नागणेच्या माता और देवी योगमाया के दिव्य मंदिरों का निर्माण इस स्थान को भक्ति, अध्यात्म और समरसता की वैश्विक मिसाल बना देगा।”

उन्होंने श्री राणी रूपादे के जीवन मूल्यों को स्मरण कर कहा कि रावल श्री मल्लीनाथ जी की राणी श्री रूपादे जी ने सामाजिक समरसता का दीप प्रज्वलित कर ऊँच-नीच, अमीर-गरीब व छोटे-बड़े के भेदभाव को समाप्त किया था। यही कारण है कि यह मंदिर आज भी देश-विदेश में रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने का कार्य कर रहा है।

Add Your Comment