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श्रीदूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव 2021 षष्ठ दिवस भगवान श्री गणेश का शूर्पकर्ण स्वारूप का पूजन

जय दूधेश्वर महादेव      

भगवान् श्री गणेश:-

गणपति लड्डू महोत्सव 2021 षष्ठ दिवस शूर्पकर्ण स्वारूप का पूजन संपन्न हुआ.

भगवान् श्री गणेश जो भगवान् शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं वह समस्त देवो में सर्वप्रथम पूजनीय हैं इनकी पूजा के बिना कोई भी पूजन या मंगल कार्य कभी पूर्ण नहीं होता है क्योंकि ये विघ्ननाशक हैं समस्त विघ्नों का नाश करने वाले हैं । भगवान श्री गणेश शीघ्र प्रसन्न होने वाले स्वभाव के स्वामी हैं । ये ऋद्धि सिद्धि के दाता हैं । एक बार सभी देवताओं में सर्वश्रेष्ठ होने की प्रतियोगिता हुई प्रतियोगिता के अनुसार सभी देवताओं को पृथ्वी की परिक्रमा करनी थी । प्रतियोगिता प्रारंभ होते ही सभी देवी देवता पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए चल पड़े परन्तु श्री गणेश ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया और अपने माता पिता को ही अपनी दुनिया मान कर उनकी परिक्रमा कर ली और समस्त देवो में विजयी हुए और भगवान् शिव से सर्वप्रथम पूजनीय होने का आशीर्वाद प्राप्त किया ।

श्री गणेश का वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है, और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेश जी हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेशजी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये सर्वप्रथम पूज्य है। ईसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है। श्री गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपतय कहलाता है|     

श्री गणेश द्वादशनामावली:-

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यं आयुःकामार्थसिद्धये ॥ १॥
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम् ।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम् ॥ २॥
लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णं तथाष्टमम् ॥ ३॥
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम् ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम् ॥ ४॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरः प्रभुः ॥ ५॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥ ६॥
जपेद्गणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासैः फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशयः ॥ ७॥
अष्टेभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत् ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥ ८॥

उपरोक्त द्वादश नामावली के अनुशार श्री गणेश के १२ नाम – १-वक्रतुंड, २-एकदन्त, ३-कृष्णपिगाक्ष, ४-गजवक्त्रं, ५-लम्बोदर, ६-विकट, ७-विघ्नराज, ८- धुम्रवर्ण, ९-भालचंद्र, १०-विनायक, ११-गणपति, तथा १२-गजानन हैं

!!श्रीदूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव 2021 षष्ठ दिवस भगवान श्री गणेश का शूर्पकर्ण स्वारूप का पूजन !!:-


आज दूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव 2021 षष्ठ दिवस का पूजन दूधेश्वर नाथ मंदिर में महाराज श्री द्वारा संपन्न हुआ गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक दूधेश्वर नाथ मंदिर में प्रतिदिन 1100.लड्डू का भोग लगाया जा रहा है भगवान गणेश जी को साथ में ही प्रतिदिन गणेश सहस्त्रनाम से भगवान की 1000 नामों से रोज उनका पूजन किया जा रहा है गणपति अथर्वशीर्ष गणेश स्तुति गणेश चालीसा गणेश जी का संपूर्ण पूजन प्रतिदिन 7:00 से 9:00 तक 10:00 से 11:00 तक शाम को 4:00 बजे से 6:00 बजे तक 18 सितम्बर तक यह पूजन चलने वाला है और 19 सितम्बर को भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन किया जाएगा 2021 गणेश महोत्सव सूक्ष्म रूप से दूधेश्वर नाथ मंदिर में कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करते हुए मनाया जा रहा है इसके साथ संपूर्ण व्यवस्था और पूर्ण सहयोग धर्मपाल गर्ग जी अध्यक्ष मंदिर विकास समिति व्यवस्था श्रृंगार विजय मित्तल जी दूधेश्वर नाथ श्रृंगार सेवा समिति के द्वारा किया जा रहा है डा० कैलाश नाथ तिवारी जी के नेतृत्व मे दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के आचार्य तोयराज उपाध्याय जी ,नित्यानंद आचार्य जी ,विकास पाण्डेय जी ,मुकेश शुक्ल जी ,अनिल पाढी जी  और विद्यार्थियों द्वारा  प्रतिदिन भगवान का पूजन किया जा रहा हैआज महाराज श्री ने अभिषेक करके ,लड्डू व दूर्वा से नाम अर्चन किया ,धूप आरती दीप आरती हुई पुष्पांजलि अर्पित करके पूजन सम्पन्न हुआ,आज पूजन मे श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने पूजन मे भाग लेकर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
          हर हर महादेव

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