कार्तिक मास की अमावस्या पर दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस बार 24 अक्टूबर 202 को दीपावली का त्योहार है। दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण रहेगा। दिवाली पर कब किस करें माता लक्ष्मी की पूजा? इस दिन कब किस मुहूर्त में कर सकते हैं खरीदारी? आओ जानते हैं सभी कुछ। दीपावली के शुभ मुहूर्त और योग।
इस बार सौर मण्डल में ग्रहों का भ्रमण और चाल ऐसी बनी है कि दिवाली एक दिन पहले और गोवर्धन पूजा भी दिवाली के एक दिन बाद की जाएगी. ऐसा इसलिए कि तिथियों का संयोग और उस पर सूर्य ग्रहण के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है. पहले रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी का पर्व मनाएं. जो 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी.इस दिन यमराज के लिए दीपदान किया जाता है.
नरक चतुर्दशी इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
- सुबह 9 बजकर 33 मिनट से 10 बजकर 57 मिनट.
- 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक.
- दोपहर 3 बजकर 10 मिनट से 5 बजकर 58 मिनट तक.
- लाभ अमृत के चैघडिया में पूजा-अर्चना करें.
इसके बाद आप यमराज के निमित्त प्रतीकात्मक 11 या 21 दीपक सजाएं. दीपक आपको सायं छह बजे तक जलाने हैं.
दिवाली 2022 :-
अमावस की निशा रात्रि में दिवाली का पर्व मनाया जाएगा. 24 अक्टूबर 2022 की शाम 5 बजकर 27 मिनट पर अमावस्या प्रारंभ हो जाएगी जो अगले दिन यानी 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी.
24 अक्टूबर को रात्रि में जब माँ महालक्ष्मी का पूजन करेंगे तो अमावस्या की रात्रि में ही करेंगे. इस दिन शाम 7 बजकर 14 मिनट से लेकर रात्रि 9 बजकर 11 मिनट तक वृषभ लग्न रहेगा और इसके बाद अर्धरात्रि 1 बजकर 42 मिनट से 3 बजकर 47 मिनट तक सर्वश्रेष्ठ सिंह लग्न रहेगा, इस समय पूजन करें. जिससे महालक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव स्थिर रूप से बनी रहेगी. वहीं इस दिन मालव्य योग, सुनफा योग, वाशी योग, हंस योग, भद्र योग, शश योग रहेगा.
24 अक्टूबर 2022 दिवाली का पंचांग मुहूर्त और योग |
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अभिजित मुहूर्त : दिन में 11:59 से दोपहर 12:46 तक। खरीदारी कर सकते हैं।-
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:18 से 03:04 तक। खरीदारी और पूजा कर सकते हैं।-
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:58 से 06:22 तक। पूजा-आरती कर सकते हैं।-
सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:10 से 07:24 तक। पूजा-आरती कर सकते हैं।-
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:58 से 12:48 तक। पूजा-आरती कर सकते हैं।