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मां सिद्धिदात्री की पूजा से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री राणी भटियाणी मंदिर में मां सिद्धिदात्री व श्री राणीसा भटियाणीजी की पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगीं
महाराजश्री ने श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान के अध्यक्ष रावल किशन सिंह व संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह के साथ कन्या पूजन किया

राजस्थानः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने महानवमी पर बुधवार को विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री राणी भटियाणी मंदिर, श्रीधाम जसोल, बालोतरा में मां सिद्धिदात्री व श्री राणीसा भटियाणीजी की पूजा-अर्चना की। उन्होंने श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान के अध्यक्ष रावल किशन सिंह व संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह के साथ हवन में आहुति देकर विश्व कल्याण, सुख.समृद्धि और जनमंगल की कामना की। वैदिक विधि से चतुर्वेदोक्त मंत्रों के साथ कन्या पूजन किया। पूजनोपरांत कन्याओं को फल, मिष्ठान्न व दक्षिणा भेंट की। मंदिर में मां सिद्धिदात्री व श्री राणीसा भटियाणीजी की पूजा-अर्चना करने के लिए देश-विदेश के भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। माता रानी के जयकारों से पूरा जसैाल धाम गूंज रहा है। भक्तों ने महाराजश्री से भेंटकर उनका आशीर्वाद भी लिया।

श्रीमहंत नारायण गिरि के पावन सानिध्य में:-

श्रीमहंत नारायण गिरि के पावन सानिध्य में रानी रूपादे, मल्लिनाथए गढ़ और शिव तालाब में आयोजित नवरात्र महोत्सव में भी बुधवार को मां सिद्धिदात्री कर पूजन, हवन व कन्या पूजन हुआ और सभी जगह देवी भक्तों की भीड लगी रही। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र के नौवें दिन इनकी उपासना विधि.विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने से साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए शेष नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने का सामर्थ्य उसमें आ जाता है। माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था और अर्द्धनारीश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुए। माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है। हवन, पूजा-अर्चना व कन्या पूजन श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के आचार्य अनिल पाढीए आचार्य तयोराज उपाध्यायए आचार्य नित्यानंद व आचार्य अभिषेक पांडे व श्री दूधेश्वर वेद विद्या संस्थान के विद्यार्थियों ने कराया।

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