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ब्रहमलीन महंत श्री श्री 1008 बसंत गिरि महाराज की स्मृति में वार्षिक भंडारे व संत सम्मेलन का आयोजन हुआवार्षिक भंडारे व संत सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्रीमहंत नारायण गिरि रहे


सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए देश के संतों को एकजुट होकर आगे आना होगाः श्रीमहंत नारायण गिरि
गौतमबुद्ध नगरः

ब्रहमलीन महंत श्री श्री 1008 बसंत गिरि महाराज की स्मृति में गौतमबुद्ध नगर के न्यू दलूपुरा स्थित सिद्ध कुटी शिव मंदिर में रविवार को 26 वें वार्षिक भंडारे व संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। वार्षिक भंडारे व संत सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज रहे। श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि ब्रहमलीन महंत श्री श्री 1008 बसंत गिरि महाराज ने सनातन हिंदू धर्म व धर्म की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर उनके कार्यो को आगे बढाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना होगा। महाराजश्री ने कहा कि आज जिस प्रकार की परिस्थितियां हैं, उन्हें देखते हुए ब्रहमलीन महंत श्री श्री 1008 बसंत गिरि महाराजके विचारों का महत्व और भी बढ गया है। सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए देश के संतों को एकजुट होकर आगे आना होगा।

दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि ब्रहमलीन महंत श्री श्री 1008 बसंत गिरि महाराज का जीवन सभी को प्रेरित करने वाला है। उनके जीवन से आज भी हजारों लोग प्रेरणा ले रहे हैं। दिल्ली संत महामंडल के संगठन मंत्री महामंडलेश्वर कंचन गिरि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे हमलों को सिर्फ संत ही विफल कर सकते हैं और हिंदू धर्म को मजबूत कर सकते हैं। मंदिर के महंत थानापति धर्मेंद्र गिरि महारराज ने कहा कि ब्रहमलीन महंत श्री श्री 1008 बसंत गिरि महाराज ने सनातन धर्म को मजबूत करने व आध्यात्म की पतका पूरे विश्व में फहराने का जो बीडा उठाया, वह निंरतर जारी रहेगा और उनके सभी कार्यो को पूरा किया जाएगा।

दिल्ली संत महामंडल के संरक्षक श्रीमहंत रामापुरी महाराज, कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धीरेंद्र पुरी महाराज, महामंडलेश्वर विद्यानंद गिरि महाराज, महामडलेश्वर हरि ओम गिरि महाराज, श्रीमहंत जिया गिरि ब्रहमचारी, श्रीमहंत शिवचंद्रा नंद गिरि महाराज, महंत गिरिशानंद गिरि महाराज, थानापति शुक्रपुरी महाराज, महंत कृष्ण गिरि महाराज, महंत त्रिवेणी गिरि महाराज, महंत सत्य गिरि महाराज, श्रीमहंत मोहन भारती महाराज, श्रहीमहंत निंरजन भारती महाराज, श्रीमहंत दिगंबर भारती महाराज, श्रीमहंत विशंभर भारती महाराज, कमल भारती महाराज, श्रीमहंत राजेंद्र भारती महाराज आदि भी मौजूद रहे।

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