गाजियाबादः
सावन के दूसरे सोमवार को सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में नगर भर के भक्तों ने भगवान दूधेश्वर नाथ के दर्शन-पूजन व जलाभिषेक किया व मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य- मार्गदर्शन में जिला, पुलिस प्रशासन व नगर निगम की सराहना की। भक्तों ने भगवान की पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर महाराजश्री से भेंटकर उनका आशीर्वाद भी लिया। सावन के दूसरे सोमवार को भगवान दूधेश्वर के जलाभिषेक के हेतु मंदिर में भक्तों का रविवार रात्रि 1:00 बजे से जला अभिषेक प्रारंभ हुआ। रात्रि 1:00 बजे से मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। सुबह तक भक्तों पहुच गई। कतार में लगे भक्तों के भगवान दूधेश्वर, हर हर महादेव व बोल बम बम के जयकारों से मंदिर ही नहीं आसपास का क्षेत्र भी गूंजायमान हो उठा। प्रातः 3 बजे भगवान दूधेश्वर का भव्य श्रृंगार किया गया। प्राचीन देवी मंदिर द्वारका पुरी दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने धूप आरती व दीप आरती की। भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया।











नगर निगम द्वारा की गई व्यवस्थाओं की बेहद सराहना :-
मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि मंदिर में जलाभिषेक के लिए इस प्रकार की व्यवस्था कर रहे हैं कि भक्तों को कोई परेशानी नहीं हो रही है और जिला व पुलिस तथा नगर निगम द्वारा की गई व्यवस्थाओं की बेहद सराहना कर रहे हैं। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि वैसे तो भगवान शिव को पूरा सावन मास ही अत्यंत प्रिय है, मगर सावन के सोमवार का महत्व अलग ही है। सावन के सोमवार को जलाभिषेक करने पर वे भक्तों के सभी कष्ट दूर कर प्रत्येक मनोकामना पूर्ण करते हैं। सावन के दूसरे सोमवार को कई शुभ योगों के संयोग ने और भी खास बना दिया है।
शुभ संयोग:-
सावन के दूसरे सोमवार को आज सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे शुभ योग हैं। ऐसे शुभ संयोग वाले सोमवार को भगवान शिव की आराधना व जलाभिषेक करने से हर तरह का पाप भी नष्ट होता है और भगवान की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। महाराजश्री ने बताया कि मंगलवार को त्रयोदशी व हाजरी का जल चढेगा। वहीं बुधवार की प्रातः 4 बजे से चतुर्दशी यानि श्रावण की शिवरात्रि का जल चढना शुरू होगा और रात्रि 2 बजे तक भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक किया जा सकेगा। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि मंदिर में जिला-पुलिस प्रशासन व नगर निगम ने ऐसी शानदार व्यवस्था की भक्तों ने शांतिपूर्वक जला अभिषेक किया सावन के दूसरे सोमवार को सायंकाल 6:45 बजे सिंगार दर्शन श्री विजय मित्तल दूधेश्वर सिंगर सेवा समिति ने 56 भोग लगाया और भगवान का दिव्य सिंगार किया महाकाल के रूप में सावन के दूसरे सोमवार में श्री पंचदशनाम जुना अखाड़ा के रमता पांच ने दर्शन किए महामंडलेश्वर उमाकांत नंद सरस्वती महाराज ने भी दर्शन पूजन किया