Back to all Post

दिल्ली में राजस्थान प्रवासी महासंघ द्वारा धूमधाम से संपन्न हुई बाबा रामसापीर की भजन संध्या

आज दिल्ली गुलाबी बाग मे रविवार दिनांक 4 सितम्बर को  राजस्थान प्रवासी महासंघ दिल्ली द्वारा हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्रीमहंत नारायणगिरि महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर  कार्यक्रम में शिरकत कि जिसमें समस्त राजस्थान प्रवासीयो ने बाबा रामदेव का दर्शन कर पुजा अर्चना कि गई एवं प्रसाद ग्रहण  किया इस मौके गाजियाबाद से पधारे हुए महाराज श्री जी से आशीर्वाद प्राप्त किया  एवं साथ महासंघ के अध्यक्ष रणवीर सिंह उपाध्यक्ष दान सिंह राठौड़, महामंत्री गिरधारीलाल सचिव गंगा सिंह राठौड़, राजू सिंह काबावत, किशनाराम एवं सभी पदाधिकारियों द्वारा महाराज जी का माला चोल पटका पहनाकर स्वागत किया एवं आशीर्वाद प्राप्त किया एवं विश्व प्रसिद्ध भजन गायक हनुमान दास एव काजल द्वारा भजन कि प्रस्तुति दी गई चन्दन सिंह जी ने मंच संचालन किया गया जिसमें सभी रामदेव जी के सभी भक्त गण ने बाबा के जयकारे लगाये भजनों मनमगन होकर ज़ूम उठें इसके अवसर पर श्रीमहंत नारायण गिरी जी महाराज ने रामदेव जी कि महिमा बताते कहा कि बाबा रामदेव जी ने गुरु की महता पर जोर देते हुए कर्मों की शुद्दता पर बल दिया.

ग्रामीण समाज में बाबा रामदेव गौ रक्षक,परोपकारी और लोकदेव के रूप में पूज्य है. राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश एवं गुजरात में भी इनकी पूजा की जाती है. ये सामाजिक सोहाद्र के प्रतीक थे.अश्वारुढ़ बाबा रामदेव के एक हाथ में भाला और दुसरे हाथ में तंदूरा शक्ति व भक्ति के प्रतीक है. इनके समाधि स्थल पर निर्मित मन्दिर, रामसरोवर, पर्ण बावड़ी, डालीबाई का समाधि स्थल मन्दिर पावन स्मारक माने जाते है.एवं राजस्थान के विभिन्न गाँवों में बाबा रामदेवजी के थान व मन्दिर है. खेजड़ी के वृक्ष के नीचे चबूतरे पर बाबा रामदेव जी के पगलियें स्थापित किये जाते है. बाबा के मन्दिरों को देवल या देवरा कहा जाता है. तथा बाबा रामदेव के नाम की शपथ भी ली जाती है. जिसे बाबा रामदेव री आण कहा जाता है.इसलिए आज भी रामदेव जी के भक्तगण रात्रि में जम्मा जागरण किया जाता है तथा लोक गीत काव्य कथा से इनकी स्तुति की जाती है इस अवसर पर जालोर सिरोही बाड़मेर सहित सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया एवं प्रसाद ग्रहण किया गया

ग्रामीण समाज में बाबा रामदेव गौ रक्षक,परोपकारी और लोकदेव के रूप में पूज्य है. राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश एवं गुजरात में भी इनकी पूजा की जाती है. ये सामाजिक सोहाद्र के प्रतीक थे.अश्वारुढ़ बाबा रामदेव के एक हाथ में भाला और दुसरे हाथ में तंदूरा शक्ति व भक्ति के प्रतीक है. इनके समाधि स्थल पर निर्मित मन्दिर, रामसरोवर, पर्ण बावड़ी, डालीबाई का समाधि स्थल मन्दिर पावन स्मारक माने जाते है.एवं राजस्थान के विभिन्न गाँवों में बाबा रामदेवजी के थान व मन्दिर है. खेजड़ी के वृक्ष के नीचे चबूतरे पर बाबा रामदेव जी के पगलियें स्थापित किये जाते है. बाबा के मन्दिरों को देवल या देवरा कहा जाता है. तथा बाबा रामदेव के नाम की शपथ भी ली जाती है. जिसे बाबा रामदेव री आण कहा जाता है.इसलिए आज भी रामदेव जी के भक्तगण रात्रि में जम्मा जागरण किया जाता है तथा लोक गीत काव्य कथा से इनकी स्तुति की जाती है इस अवसर पर जालोर सिरोही बाड़मेर सहित सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया एवं प्रसाद ग्रहण किया गया
 पिंटू सुथार तेलवाड़ा

Add Your Comment