श्री दूधेश्वर नाथ मठ महिादेव में मंदिर में कई शहरों के साधकों ने मां त्रिपुर भैरवी की साधना की
गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य व अध्यक्षता में आयोजित गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान के छठे दिन मां की छठी महाविद्या मां भैरवी की पूजा-अर्चना हुई। साधकों ने मां भैरवी की पूजा-अर्चना के बाद श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया। महाराजश्री ने कहा कि मां त्रिपुर भैरवी तमोगुण और रजोगुण की देवी हैं। इनकी आराधना विशेष विपत्तियों को शांत करने और सुख पाने के लिए की जाती है। सफलता और शत्रु नाश हेतु भी देवी भैरवी की सिद्धि की जाती है। इनकी साधना से जीवन में शत्रुओं पर विजय और कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही व्यक्ति आत्मज्ञान प्राप्त कर सकता है









इनकी साधना करने से हर प्रकार के बंधन से मुक्ति मिलती है व आर्थिक उन्नति की प्राप्ति भी होती है। मां त्रिपुर भैरवी का मंदिर वाराणसी की विशिष्ट शैली की सकरी गलियों में स्थित है। इस मंदिर के पास से गुजरने वालों के सिर मां के समक्ष अपने आप झुक जाते हैं। माना जाता है कि मां त्रिपुर भैरवी के दर्शन-पूजन से सभी प्रकार के दुःख दूर हो जाते हैं। मां का ऐसा महात्म्य है कि इनके आसपास का पूरा मोहल्ला त्रिपुर भैरवी के नाम से जाना जाता है। मां की अद्भुत प्रतिमा स्वयं भू है। इनके भक्तों को सहज रूप से विद्या प्राप्त होती है।