नई दिल्लीः सनातन धर्म को मजबूत करने के साथ ही आध्यात्म, धर्म व समाज सेवा के क्षेत्र में देश ही नहीं विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाने वाले दिल्ली संत महामंडल का 25 वां स्थापना दिवस सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के मार्गदर्शन में दिल्ली-एनसीआर में अनेक गतिविधियां हुई। पौधरोपण करने से लेकर जरूरतमंदों की मदद की गई। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के कार्यकाल में दिल्ली संत महामंडल ने आध्यात्म, धर्म, समाज सेवा हर क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। पर्यावरण संरक्षण के लिए परे दिल्ली एसीआर में पौधरोपण करने के साथ पौधरोपण किया जा रहा है। बीमार लाचार गौ माता की सेवा करने के साथ ही उनकी चिकित्सा भी की जा रही है। गौ माता के लिए निशुल्क एम्बुलेंस सेवा शुय की गई है। जरूरतमंदों को भी निशुल्क चिकित्सा व एक्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
जरूरतमंद बच्चों के लिए स्कूल की सुविधा उपलब्घ कराने के साथ उन्हें स्टेशनरी, किताबें, कपडे आदि भी उपलब्घ कराए जा रहे हैं। सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के अलावा हिंदओं को एकजुट किया जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदुआंें पर हुए अत्याखरों व सनातन धर्म पर अभद्र टिप्पणी का विरोध किया गया। सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए धर्म चर्चा, गोष्ठी आदि का आयोजन हो रहा है। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि आज दिल्ली संत महामंडल की देश-विदेश में जो पहचान है, उसमें संस्था के पूर्व अध्यक्षों समेत सभी संतों का समर्पण व सहयोग का ही अहम योगदान है। संस्था की स्थापना वर्ष 1999 में 4 नवंबर को उदासीन आश्रम में हुई थी। इसके पहले अध्यक्ष ब्रहमलीन ममहामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद महाराज थे, जो 2 बार अध्यक्ष रहे। उसके बाद श्रीमहंत रामकिशन दास महाराज महात्यागी रामलीला मैदान, महामंडलेश्वर स्वामी नीजस्वरूपानंद पुरी दाती महाराज, महामंडलेश्वर राघवानंद गिरि महाराज व महामंडलेश्वर साध्वी विद्यानंद गिरि महाराज अध्यक्ष रहे और सभी ने पूर्ण समर्पण के साथ जो सहयोग दिया, उससे संस्था की अलग ही पहचान बनी। अन्य सभी संतों का भी पूर्ण सहयोग व समर्पण संस्था को मिल रहा है। उन्होंने सभी को संस्था के 25 वर्ष पूर्ण होने की बधाई दी और कहा कि आने वाले समय में हम सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर उसे मजबूत करने, भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में फैलाने व जरूरतमंदों की सेवा तथा पर्यावरण संरक्षण का अभियान और तेज करेंगे।