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दिल्ली संत महामंडल रजत जयंती वर्ष में नर सेवा नारायण सेवा की मिसाल कायम करेगाः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

दिल्ली संत महामंडल धर्म व आध्यात्म की ज्योत जलाने के साथ समाजसेवा के कार्य भी कर रहा हैः महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज
संगठन ने मठ-मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य किया हैः महामंडलेश्वर कंचन गिरि महाराज
रजत जयंती वर्ष में संगठन के विस्तार के लिए अभियान चलाया जाएगाः महंत धीरेंद्र पुरी महाराज
नई दिल्लीः
दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में षडदर्शन संतों के एकमात्र संगठन दिल्ली संत महामंडल की स्थापना को 25 वर्ष हो गए हैं। संस्था का रजत जयंती समारोह 21 नवंबर को अक्षरधाम मंदिर में मनाया जाएगा। समारोह के मुख्य अतिथि अखाडा परिषद के सचिव रामानंद पुरी महाराज, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, विशिष्ट अतिथि विश्व प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर, विश्व जागृति मिशन के संस्थापक सुधांशु जी महाराज व कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णनम होंगे।

आध्यात्म व समाज सेवा के क्षेत्र में मिसाल:-

उन्होंने कहा कि संगठन 25 वर्ष से अधिक समय से धर्म, आध्यात्म व समाज सेवा के क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहा है। इस परम्परा को आगे बढाते हुए संगठन जल्द ही निर्धन कन्याओं का विवाह कराएगा। मंदिरों या कहीं भी देवी-देवताओं की मूर्ति रख देने को लेकर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बताया जाएगा कि ऐसा करना अपने देवी-देवताओं व धर्म का प्रचार करना है। मिटटी से बनी मूर्तियांे का ही प्रयोग किया जाए और उनको अपने घर के गमलों, नदी के जल आदि में प्रवाहित किया जाए। जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित कराने के साथ उन्हें स्टेशनरी व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सर्दी की शुरूआत हो चुकी है और जल्द ही जरूरतमंद लोगों को गरम कपडों का वितरण कराया जाएगा। रजत जयंती पर एक और निशुल्क एम्बुलेंस शुरू की जाएगी। दो एम्बुलैंस पहले से ही चलाई जा रही हैं। जरूरतमदंों को आधुनिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शिविर भी लगाए जाएंगे। बांग्लादेश, अफगानिस्तान व पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को शरण देने के साथ उन्हें आजीविका के साधन उपलब्घ कराने में मदद की जाएगी। रोहिंग्या के अलावा बांग्लादेश, अफगानिस्तान व पाकिस्तान के घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने के लिए संगठन अभियान चलाएगा। बच्चों में अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए भी अभियान चलेगा। संगठन के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज ने बताया कि संस्था के गठन से पूर्व दिल्ली एवं एनसीआर के सभी संतों को अपनी परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन में अनेक प्रकार की प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पडता था।

इसके चलते महामंडलेश्वर स्वामी राघवानंद महाराज, स्वामी प्रज्ञानंद गिरी महाराज, महंत रामकृष्ण दास महात्यागी महाराज, महंत तारकेश्वर गिरी महाराज आदि संतों के साथ दिल्ली एनसीआर के षडदर्शन साधु समाज को एक करने का विचार किया गया व 4 नवंबर 1999 को दिल्ली संत महामंडल का गठन हुआ। इस संस्था के उद्देश्यों में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना, छात्र.छात्राओं को शास्त्रीय परंपरा एवं वर्तमान शिक्षा प्रणाली के अनुसार शिक्षा की सुविधा उपलब्घ कराना, औषधालय तथा चिकित्सालय के माध्यम से स्वस्थ समाज का निर्माण करना, जाति एवं संप्रदाय के भेदभाव से रहित संतों का निवास एवं अतिथि गृह की व्यवस्था करना, प्रकृति के संवर्धन के लिए लोगों को जागरूक करना आदि हैं। संगठन के संगठन मंत्री महामंडलेश्वर कंचन गिरि महाराज ने बताया कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद गिरी महाराज संस्था के पहले अध्यक्ष थे। वे दो बार अध्यक्ष बने और उनके कार्यकाल में धर्म का प्रचार प्रसार हुआ और सभी संतों को दिल्ली संत महामंडल का सदस्य बनाया गया। साथ ही दिल्ली के सभी मठ मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करवाई। उनके बाद महंत राम कृष्ण दास महात्यागी के कार्यकाल में संतों को एकजुट करने व सनातन धर्म को मजबूत करने का कार्य किया गया।

दिल्ली संत महामंडल के संस्थापक स्वामी राघवानंद महाराज के अध्यक्ष कार्यकाल में जहां संस्था आर्थिक रूप से सशक्त हुई, वहीं कई सेवा प्रकल्प शुरू कर शिक्षक एवं आयुष्य क्षेत्र में विशेष कार्य किए गए। एक बड़ी एंबुलेंस आज भी संत एवं समाज सेवा में निरंतर कार्यरत है। महामंडलेश्वर विद्या गिरी महाराज के कार्यकाल में देश कोरोना महामारी के काल से गुजर रहा था। उस समय महाराज श्री ने अनेक मठ-मंदिरों को सेनिटाइज करवाया। ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने के साथ जरूरतमंदों को अन्न वितरण जैसे विशेष कार्य किये गए। वर्तमान में श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज का अध्यक्ष के रूप में मार्गदर्शन मिल रहा है। महाराजश्री ने जहां अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में सहयोग दिया, वहीं शरणार्थी हिंदू भाई बहनों को आर्थिक मदद के साथ अन्न, वस्त्र आदि सुविधाएं उपलब्ध कराईं। अनाथ बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित कर उनका स्कूल में एडमिशन कराया। सनातन धर्म के विरोधियों के खिलाफ कई बड़े आंदोलन किए और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार जैसे विशेष कार्य किये। असहाय गौ माता के लिए एक एंबुलेंस की व्यवस्था की जो आज भी कार्यरत है। प्रकृति के संरक्षण हेतु बड़े स्तर पर पौधरोपण अभियान शुरू किया जो पूरे दिल्ली.एनसीआर में लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहा है। संगठन के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज ने कहा कि रजत जयंती वर्ष में संगठन का विस्तार किया जाएगा और जो संत अभी तक संस्था से नहीं जुड पाए हैं, उन्हें सदस्य बनाकर संगठन को और अधिक मजबूत किया जाएगा तथा सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का परचम पूरे विश्व में फहराया जाएगा।

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