गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर की विकास समिति के अध्यक्ष, भगवान दूधेश्वर के अनन्य भक्त व वरिष्ठ समाजसेवी धर्मपाल गर्ग अस्वस्थता के बावजूद सावन के अंतिम सोमवार को मंदिर पहुंचे। उन्होंने विधि-विधान के साथ भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना की व उनका जलाभिषेक किया। मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने उनका स्वागत किया। धर्मपाल गर्ग की भगवान दूधेश्वर में बहुत आस्था, श्रद्धा व विश्वास है। वे वर्षो से भगवान दूधेश्वर की सेवा नियमित रूप से करते आ रहे हैं। भगवान दूधेश्वर की उन पर विशेष कृपा है। पिछले कुछ समय से वे अस्वस्थ हैं, मगर भगवान दूधेश्वर की सेवा नियमित रूप से कर रहे हैं। छत्रपति शिवाजी के बाद 300 वर्ष बाद उन्होंने ही मंदिर का जीर्णोद्वार कराया, उसका विकास कराया है। उनके पुत्र व मंदिर विकास समिति के उपाध्यक्ष अनुज गर्ग भी भगवान दूधेश्वर के अनन्य भक्त हैे और सदैव उनकी सेवा में रहते हैं। सावन के अंतिम सोमवार को अस्वस्थता के बावजूद धर्मपाल गर्ग भगवान दूधेश्वर की सेवा में हाजिर हुए तो भक्तों ने उनका भगवान दूधेश्वर के जयकारों के साथ स्वागत किया और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की।





Shri Dharmpal Garg Ji:-
किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का मूल्यांकन उसके चरित्र,उसके व्यवहार ,उसकी सोच और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा के आधार पर किया जा सकता है | जिस व्यक्ति में स्वाभिमान ,परोपकारिता ,दयालुता ,सदाचारिता ,सरलता और सहजता जैसे गुण विद्यमान हों –उसे श्रेष्ठ अथवा महान कहने में किसी को संकोच नहीं करना चाहिए |



कहते हैं जहाँ सच्ची लगन और इच्छाशक्ति हो वहाँ कोई भी कार्य असंभव नहीं रहता | श्री धर्मपाल गर्ग जी ने जब ऐतिहासिक सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ –मंदिर के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया तो उनका नाम स्वत: ही इतिहास के पन्नो में अंकित हो गया क्योंकि लगभग चार सौ वर्ष पूर्व इस प्रख्यात मंदिर का जीर्णोद्धार वीर मराठा छत्रपति शिवाजी महाराज ने कराया था | तब के बाद अब गाज़ियाबाद के प्रसिद्ध समाज सेवी व परम धार्मिक शिव चरण अनुरागी श्री धर्मपाल गर्ग जी ने अपने पूजनीय माता-पिता जी की याद में बने ट्रस्ट श्री आत्माराम नर्वदा देवी चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग श्री दूधेश्वर नाथ महादेव के मंदिर का भव्य जीर्णोद्धार कराया है | जिन कारीगरों ने श्री सोमनाथ का ऐतिहासिक मंदिर हजारों वर्ष पूर्व बनाया था ,उन्हीं के वंशजों से श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कराने का श्री धर्मपाल गर्ग ने ऐतिहासिक निर्णय लिया | भगवान् दूधेश्वर की असीम अनुकम्पा से वह आज फलीभूत होकर सबके सम्मुख है | सफ़ेद संगमरमर से नये मंदिर की छवि अलौकिक व अद्वितीय है |