राघवानंद महाराज ने अपना पूरा जीवन सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति, शिक्षा, पर्यावरण व नारी सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया थाः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज
गाजियाबादः
दिल्ली संत महामंडल के संस्थापक अध्यक्ष राघवानंद महाराज ब्रहमलीन हो गए। उनके ब्रहमलीन होने की जानकारी मिलते ही देश भर में शौक की लहर दौड गई। दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर व श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने उनके ब्रहमलीन होने को संत समाज व सनातन धर्म की अपूरणीय क्षति बताया। दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, संगठन मंत्री श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज, कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज समेत दिल्ली संत महामंडल के सभी पदाधिकारियों, देश भर के संतों, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद सेवा केंद्र आदि संगठनों के पदाधिकारियों ने भी उनके निधन को बहुत बडी क्षति बताया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि दिल्ली संत महामंडल के संस्थापक अध्यक्ष राघवानंद महाराज बहुत ही तपस्वी व सिद्ध संत थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन हिंदू सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति व परम्परा का परचम विश्व भर में फहराने के लिए समर्पित कर दिया था।







वे हम सभी के प्रेरणास्रोत थे और उनसे प्रेरणा लेकर हजारों लोगों ने अपना जीवन हिंदू धर्म को मजबूत करने व समाज तथा देश सेवा के लिए समर्पित किया। वे भले आज हमारे बीच नहीं हैं, मगर धर्म, आध्यात्म, पर्यावरण, नारी सशक्तिकरण, शिक्षा, व समाज के लिए उन्होंने जो कार्य किए, वे उन्हें हम सभी के दिलों में बसाए रखेंगे। दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि दिल्ली संत महामंडल के संस्थापक अध्यक्ष राघवानंद महाराज का अचानक ही ब्रहमलीन हो जाना, ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई हो पाना संभव नहीं है। दिल्ली संत महामंडल के संगठन मंत्री श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज ने कहा कि दिल्ली संत महामंडल के संस्थापक अध्यक्ष राघवानंद महाराज ने धर्म, आध्यात्म, देश व समाज सेवा की जो ज्योत जलाई है, वह हम सभी को प्रेरित करती रहेगी। दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज ने कहा कि राघवानंद महाराज का यू आकिस्मक चले जाना सनातन धर्म की ही नहीं देश की भी बहुत बडी क्षति है।