श्री दूधेश्वर नाथ मठमंदिर के प्रथम ज्ञात श्रीमहंत वेणी गिरी जी महाराज के समय से ही एक दिव्य गौशाला स्थापित की गई थी | स्थापना के समय इस गौशाला में कैला गाँव की लम्बो नस्ल की उन गायों को रखा गया था ,जिनके थानों से टीले पर दूध गिरता था और जो भगवान् दूधेश्वर के कलियुग में प्राकट्य का प्रमुख कारण बनीं थी | उसी गौवंश की लम्बो गाय आज भी प्राचीन गौशाला में विद्यमान हैं |मठ-मंदिर के सभी सिद्ध-संत-महात्माओं द्वारा गौवंश की सेवा की साक्षी यह गौशाला आज अपने आधुनिक रूप में विराजमान है |