प्रयागराजः
श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर द्वारा सेक्टर 20 संगम लोअर मार्ग पर शास्त्री ब्रिज के नीचे कुंभ मेला क्षेत्र में लगाए गए श्री दूधेश्वर नाथ महादेव कुंभ मेला शिविर में चल रहे गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान की गुरूवार को मां मातंगी व मां कमला की पूजा-अर्चना तथा कन्या पूजन के साथ पूर्णाहुति हो गई। गुरूवार को देश-विदेश के भक्तों ने मां मातंगी व मां कमला के साथ नौ कन्याओं की पूजा-अर्चना भी की। कन्याओं को भोजन कराने के साथ ही भेंट दक्षिणा भी दी गई। 51 माताओं को साडिया भेंट की गई। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के दिशा-निर्देशन व श्री दूधेश्वर मंदिर के पीठाधीश्वर व जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में हुए गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
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पूजा-अर्चना व यज्ञ आचार्य तयारोज उपाध्याय तथा 10 पंडितों ने कराया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि गुरूवार को मां मातंगी व मां कमला की पूजा-अर्चना की गई। महाविद्याओ में देवी मातंगी नवीं महाविद्या है। इनकी उपासना से सिद्धि की प्राप्ति होती है। मां मातंगी असुरों को मोहित करनेवाली और भक्तों को मनचाहा फल देनेवाली हैं। गृहस्थ. जीवनको सुखी बनाने, पुरुषार्थ सिद्धि और आनंद में पारंगत होने के लिये मातंगी की साधना सर्वोतम है। वहीं अंतिम व दसवीं महाविद्या मां कमला हैं। मां कमला को महालक्ष्मी का ही स्वरुप माना गया है। माता कमला की उपासना धन सम्पति और समृद्धि के लिए की जाती है। माता कमला को लक्ष्मी, भार्गवी और षोडशी भी कहा जाता है। इनकी उपासना से समस्त सिद्धियाँ सहज ही प्राप्त हो जाती हैं। देवी कमला एक रूप में समस्त भौतिक या प्राकृतिक सम्पत्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं और दूसरे रूप में सच्चिदानन्दमयी लक्ष्मी हैं, जो भगवान् विष्णु से अभिन्न हैं