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श्रीदुधेश्वरनाथ मंदिर में धूमधाम से मनाई जायेगी गुरु पूर्णिमा गुरू दीक्षा लेने के लिए देश भर से आयेंगे श्रद्धालु

 गाजियाबाद स्थित प्राचीन श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में गुरू पूर्णिमा को लेकर चल रही हैं विशेष तैयारियां सभी मंदिर में चल रही है इसी तरह गाजियाबाद श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में भी सोमवार 3 जुलाई को गुरू पूर्णिमा महोत्सव की धूम रहेगी। मंदिर में पूजा-अर्चना करने व मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि से गुरू दीक्षा लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड लगेगी जिसके लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं।

मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि गुरू पूर्णिमा पर सोमवार 3 जुलाई को मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि से गुरू दीक्षा लेने के लिए गाजियाबाद, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर, दिल्ली, गुडगांव, फरीदाबाद, राजस्थान, उत्तराखंड आदि से श्रद्धालु आएंगे। गुरू पूर्णिमा व सोमवार एक साथ होने से मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड रहेगी। इसी कारण अभी से मंदिर में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रातः 8 बजे गुरू पूजन से गुरू पूर्णिमा महोत्सव शुरू हो जाएगा।

सबसे पहले गुरू दत्तात्रेय व भगवान दूधेश्वर का पूजन व अभिषेक होगा। उसके बाद सिद्ध संतों की समाधियों की पूजा होगी। साथ गौमाता एवं आचार्य  एवं गुरुकुल के विधार्थियों साथ ही साधु संतों का पुजन एवं श्रीदुधेश्वरनाथ मंदिर में स्थापित भगवान राम दरबार, भगवान कृष्ण-राधा, शिव दरबार, मां जगदम्बा व भगवान सत्यनारायण की पूजा-अर्चना भी की जाएगी। मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि से गुरू दीक्षा लेने का समय प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक का रहेगा।जो भी भक्तगण श्रीमहंत नारायण गिरि से गुरू दीक्षा लेना चाहते  वह मंदिर कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।इसी तरह हर वर्ष कि भांति  बड़ी धूमधाम गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जायेगा जिसमें सैकड़ों भक्तगण भाग लेंगे।                 

जिसे देता हैं हर व्यक्ति सम्मान, जो करता हैं वीरों का निर्माण,
जो बनाता हैं इंसान को इंसान, ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम

जीवन में गुरु का महत्व:-

जीवन में गुरु का महत्वपूर्ण स्थान होता है. शास्त्रों में भी कहा गया है कि बिना गुरु के ज्ञान नहीं मिलता हैं, इसलिए जीवन में गुरु का होना अत्यंत आवश्यक है. सनातन धर्म में गुरु की महिमा का वर्णन अलग-अलग स्वरूपों में किया गया है. गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इसी दिन वेदों को विभाजन तथा पुराणों की रचना करने वाले वेदव्यास जी का जन्म भी हुआ था. इस दिन को व्यास जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. इस वर्ष आज (3 जुलाई) को गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है. इस दिन अपने गुरुओं का पूजन और सम्मान किया जाता है.          

कहा जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही व्यास जी ने अपने शिष्यों और मुनियों को श्री भगवत पुराण का ज्ञान दिया था. इसी दिन वेदव्यास के अनेक शिष्यों में से पांच शिष्यों ने गुरु पूजा की परंपरा प्रारंभ की थी. कई मठ और आश्रमों में लोग ब्रह्मालीन संतों समाधि और मूर्तियों की पूजा-अर्चना भी करते हैं.               

एस आर सुथार मीडिया प्रभारी श्रीदुधेश्वरनाथ मंदिर

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