‘आजादी का अमृत महोत्सव’ 12 मार्च 2021 से मनाया जा रहा है और यह उत्सव 15 अगस्त, 2023 को खत्म होगा. वैसे हमारा भारत देश इस बार 15 अगस्त 2022 को 75वां स्वतंत्रा वर्षगांठ पूरा कर रहा है।
इस साल 15 अगस्त के दिन देश अपना 76 वां स्वतंत्रता दिवस (Independence day) मनाने जा रहा है. ये दिन देश के उन वीरों की गौरव गाथा और बलिदान का प्रतीक है जिन्होंने अंग्रेजों के दमन से देश आजाद कराने में अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था. 15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश शासन के 200 सालों के राज से आजादी मिली थी. ये दिन हमारे फ़्रीडम फाइटर्स के त्याग और तपस्या की याद दिलाता है. harghartiranga
महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुखदेव, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, चंद्र शेखर आजाद, खुदीराम बोस समेत असंख्य वीरों ने देश के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया था और आजाद भारत के सपने को साकार किया था. ये इन असाधारण वीरों का बलिदान ही है कि हम आज आजाद भारत में सांस ले पा रहे हैं. आइए जानते है इस दिन का इतिहास और महत्व.
सिद्धपीठ दूधेश्वर नाथ मंदिर:-
आज गाजियाबाद स्थित सिद्धपीठ दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि जी महाराज का आदेश अनुसार आजादी के 75 वर्षगांठ के अवसर पर पुरे देश में स्वतंत्र दिवस की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव कि पूरा देश में मनाया जाने वाला आज दिनांक 13 अगस्त से 15 अगस्त तक तीन दिवसीय कार्यक्रम भारत का अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रारंभ हुआ जिसमें गाजियाबाद सिद्ध पीठ श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी जी महाराज ने शहीदों को 75 दीपक जलाकर श्रद्धांजलि दी गई एवं उसके उपरांत मंदिर परिसर में रंग बिरंगी लाईटों एवं फुलों द्वारा तिरंगा झंडा बनाया गया एवं मंदिर में राष्ट्रीय ध्वज झंडा लगाये गये जिसमें के श्रीमहंत जी और विद्यार्थियों ने 1 दिन के लिए कार्यक्रम रखा गया धूमधाम से मनाया गया
एवं उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज आदेशानुसार और श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के आदेश के अनुसार संपूर्ण जूना अखाड़े के जितने भी पुरे प्रदेश उत्तर प्रदेश में मंदिर स्थान है जिसमें सभी जगह पर धुमधाम से स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव मनाया जा रहा एवं पूरे भारतवर्ष में और पूरे विश्व में जहां भी भारतीय हैं वहां पर भी 3 दिन का अमृत महोत्सव जो आज से अमृत महोत्सव 2022 भारत सरकार की एक पहल है। जो प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने और मनाने के लिए है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के बारे में प्रगतिशील है। आजादी के अमूत महोत्सव की 13 तारीख को शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम को देश के युवाओं को आगे आने और हमारे लोकतंत्र की सच्ची भावना को आत्मसात करने तथा भारत की आजादी के 75 साल पूरे जोश के साथ मनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।इसी अवसर पर दुधेश्वर मंदिर में आचार्य एवं विद्यापीठ के छात्रों एवं मंदिर समिति द्वारा धूमधाम से मनाया गया इसमें आचार्य तोयराज ,आचार्य लक्ष्मीकांत, आचार्य नित्यानंद, आचार्य विकास पांडे आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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स्वतंत्रता दिवस का समारोह:-
15 अगस्त 1947 की मध्य रात्री में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी. भारत को ब्रिटिश राज से आजादी लेने में 200 साल से अधिक का समय लग गया था. इसी दिन यानी 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था. इसके बाद से स्वतंत्रता दिवस पर हर साल भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय तिरंगा झंडा फहराते हैं. ये दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पूरे देश के स्कूलों में भी मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस केवल एक दिन विशेष नहीं बल्कि, देश के उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारे सम्मान को प्रदर्शित करने का जरिया भी है जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया था. ये दिन राष्ट्र के प्रति अपनी एकजुटता और निष्ठा दिखने का दिन भी है. साथ ही ये पावन अवसर युवा पीढ़ी को राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित करता है