छ़त्रपति शिवाजी महाराज व महाराणा प्रताप ने अपने पराक्रम, शौर्यता व वीरता से नया इतिहास रचाः महाराजा विश्वराज सिंह
छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भारतीय इतिहास में हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगाः वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन
गाजियाबादः
भारत माता सांस्कृतिक संस्थान गाजियबाद द्वारा रविवार को नवयुग मार्केट के शहीद पथ पर हिंदू साम्राज्य दिवस मनाया गया और छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप की 77 वीं पीढी के मेवाड़ महाराजा विश्वराज सिंह व विशिष्ट अतिथि सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर गाजियाबाद के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज रहे। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के ऐसे महान योद्धा, रणनीतिकार और शासक थे, जिनके जीवन और विरासत ने भारतीय इतिहास पर एक अमिट छाप अंकित की है। उनकी माता जीजाबाई एक वीर और कुशल योद्धा थीं और उन्होंने ही शिवाजी महाराज को युद्ध कौशल और प्रशासन की शिक्षा दी।

छत्रपति शिवाजी महाराज व महाराणा प्रताप:-
जब भी भारतीय इतिहास के महान राजाओं की बात आती है तो छत्रपति शिवाजी महाराज व महाराणा प्रताप का नाम जरूर आता है। छत्रपति शिवाजी वीर योद्धा, कुशल शासक, सैन्य रणनीतिकार और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। पुणे में स्थित तोरणा किला जिसे प्रचंडगढ़ के नाम से भी जाना जाता है, में 1645 में लड़ाई हुई थी और तब उनकी उम्र 15 साल ही थी। छोटी उम्र में ही अपना युद्ध कौशल दिखाते शिवाजी ने इसमें जीत दर्ज की और फिर अपने पराक्रम से उन्होंने ऐसा इतिहास लिखा जिससे आज पूरा विश्व प्रेरणा ले रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक 6 जूनए 1674 को हुआ था। राज्याभिषेक रायगढ़ किले में हुआ था। उनका राज्याभिषेक भारतीय इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है क्योंकि इसी दिन भारत में हिंदू साम्राज्य की स्थापना हुई थी।












दूधेश्वर भगवान:-
छत्रपति शिवाजी महाराज दूधेश्वर भगवान के अनन्य भक्त थे और उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्वार किया। मुगलों के खिलाफ युद्ध करने से पहले वे और उनकी सेना भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना व अभिषेक करती थाी। मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप की 77 वीं पीढी के मेवाड़ महाराजा विश्वराज सिंह ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज व महाराणा प्रताप भारत माता के ऐसे सच्चे वीर सपूत व महान शासक थे, जिन्होंने अपने पराक्रम, शौर्यता व वीरता से ऐसा इतिहास लिखा, जो पूरे विश्व के लिए ही मिसाल बन गया है। मुगलों के अत्याचार, अन्याय के खिलाफ किया गया उनका संघर्ष हमेशा पूरे विश्व को प्रेरित करता रहेगा। छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भारतीय इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगा। मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज महान मराठा योद्धा, शासक और भारत में मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। अपनी बहादुरी, नेतृत्व और चतुर युद्ध रणनीति के लिए वे पूरे विश्व के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेंगे। उनकी वीरता व बहादुरी ने जो इतिहास कायम किया, उससे आज दुनिया के बडे-बडे देश प्रेरणा ले रहे हैं। वर्ष 1674 में रायगढ़ किले में उन्हें छत्रपति का ताज पहनाया गया था, जो भारतीय इतिहास के सबसे अमूल्य पलों में शामिल है क्योंकि उस दिन हिंदू साम्राज्य की स्थापना हुई थी। समारोह की अध्यक्षता राहुल सिंह ने की। स्वामी जीवन ऋषि महाराज आदि भी मौजूद रहे।