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6 जुलाई को देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार माह की योगनिंद्रा में प्रवेश करेंगेः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

6 जुलाई को देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार माह की योगनिंद्रा में प्रवेश करेंगेः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराजभगवान विष्णु के योग निंद्रा में रहने के कारण चार माह तक कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा
गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर गाजियाबाद के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस एकादशी का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व है क्योंकि इस दिन से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निंद्रा में चले जाते हैं और इसी कारण चार माह तक कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है। देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी, पद्मा एकादशी और शयन एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में प्रवेश करते हैं और चातुर्मास का शुभारंभ होता है, जो चार महीने तक चलता है। भगवान विष्णु के चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाने सृष्टि का संचालन प्रतीकात्मक रूप से भगवान शिव, माता पार्वती और अन्य देव शक्तियां संभालती हैं।

पद्म पुराण में कहा गया है कि जो भक्त इस एकादशी का व्रत श्रद्धा और नियमपूर्वक करता है, वह पूर्व जन्मों के पापों से मुक्त होकर विष्णुलोक को प्राप्त करता है। यह व्रत मोक्षदायक माना गया है। पदम् पुराण के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन कमललोचन भगवान विष्णु का कमल के फूलों से पूजन करने से तीनों लोकों के देवताओं का पूजन हो जाता है। इस दिन उपवास करके भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाकर पीत वस्त्रों व पीले दुपट्टे एवं पीले पुष्पों से सजाकर श्री हरि कीआरती उतारनी चाहिए। देवशयनी एकादशी केवल उपवास और पूजन का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि, संयम और आध्यात्मिक साधना का अवसर भी है।

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