बाबा संतोख सिंह व बाबा हरजीत सिंह अयोध्या के चार धाम मणि राम दास की छावनी में 2 माह तक लंगर-भंडारा लगाएंगे
अयोध्याः
मकर संक्रांति के पर्व के उपलक्ष्य में चार धाम मणि राम दास की छावनी में लंगर-भंडारे का शुभारंभ किया गया। लंगर भंडारे का आयोजन राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले निहंग बाबा फतेह सिंह की आठवीं पीढी के बाबा संतोख सिंह राजपुरा व बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर ने किया है। मणि राम दास की छावनी, राम जन्मभूमि न्यास और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास के कृपापात्र व उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास महाराज की अध्यक्षता में शुरू हुए भंडारे व लंगर का शुभारंभ श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने किया।



उन्होंने कहा कि निहंग बाबा फतेह सिंह ने राम मंदिर आंदोलन में बहम भूमिका निभाई थी। राम मंदिर आंदोलन में सबसे पहले एफआईआर वर्ष 1858 में निहंग बाबा फतेह सिंह व उनके अनुयायियों के खिलाफ ही दर्ज हुई थी। आज निहंग बाबा फतेह सिंह का सपना पूरा होने जा रहा है और हम सभी को 22 जनवरी को रामलला को भव्य राम मंदिर में विराजमान होते हुए देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा। सोमवार को हजारों लोगों ने खिचडी व कढी-चावल का प्रसाद ग्रहण किया। बाबा संतोख सिंह राजपुरा व बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर दो महीने तक चार धाम मणि राम दास की छावनी में लंगर-भंडारा लगाएंगे। सभी संतों के भोजन, वस्त्र आदि की सेवा वे ही करेंगे।
महंत कमलनयन दास महाराज ने कहा कि हिंदू व सिख हमेशा से एक थे और एक ही रहेंगे। कोई भी षडयंत्र उन्हें अलग नहीं कर सकता है। बाबा संतोख सिंह राजपुरा व बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर भगवान राम के विराजमान होने की खुशी में दो महीने तक लंगर-भंडारा लगाएंगे। भगवान राम व वाहे गुरू से यही प्रार्थना है कि वे उन पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखें। दिल्ली से आए अंशुमान डोंगरा, महंत दिनेश गिरि आदि भी मौजूद रहे।