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महाराज श्री 22 मार्च तक मध्य प्रदेश की धर्म यात्रा पर रहेंगे

श्रीमहंत नारायण गिरि ने चंबल के लोकप्रिय संत श्रीमहंत हरि गिरि महाराज से मुलाकात की
श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने हजारों लोगों को नशे व अन्य व्यसनों से मुक्ति दिलाई हैः महाराजश्री
श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने दहेज, शादी में बैंडबाजे व फिजूलखर्च के खिलाफ भी मुहिम चला रखी है


मध्य प्रदेशः
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज 22 मार्च तक मध्य प्रदेश राजस्थान में धर्म यात्रा पर रहेंगे। यात्रा के पहले दिन वे धौलपुर शेखु पुरा में रामचंद्र शिव मंदिर पहुंचे। मंदिर में उन्होंने चंबल घाटी में 10 हजार गांवों में नशा, मुक्ति, दहेज, शादी में बैंड बाजे व फिजूलखर्च के खिलाफ अभियान चलाने वाले चंबल के लोकप्रिय संत श्रीमहंत हरि गिरी महाराज से भेंट की। श्रीमहंत हरि गिरी के शिष्यों व भक्तों ने महाराजश्री व उनके साथ आए वैद्य मुकेशानंद गिरि महाराज का जोरदार स्वागत अभिनंदन किया। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज का आंखों का ऑपरेशन हुआ है। महाराजश्री ने श्रीमहंत हरि गिरि से भेंटकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनसे धर्म चर्चा की। श्रीमहंत नारायण गिरि ने इस अवसर एकत्रित जनसमूह से कहा कि जहां साधु रहता है, वास करता है, वहां सनातन यानि सत्य अपने आप विराजमान हो जाता है। उस जगह से व्यसनों का समाप्ति हो जाता है।

श्रीमहंत हरि गिरि महाराज:-

श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ऐसे सिद्ध संत हैं, जिन्होंने चंबल घाटी की छवि ही बदलकर रख दी है। जिस चंबल घाटी को कल तक डाकुओं की घाटी कहा जाता है, वह आज शिक्षा, संस्कार, भारतीय संस्कृति से आलोकित हो रही है तो इसका श्रेय श्रीमहंत हरि गिरि महाराज को ही है। उन्होंने सैंकडों डाकुओं का जीवन परिवर्तन कर उन्हें डाकू से साधु बना डाला है और श्रीमहंत हरि गिरि की प्रेरणा व आशीर्वाद से वे समाज व देश सेवा में लगे हुए हैं। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने हजारों गांवों में नशे, दहेज, शादी में बैंड व फिजूलचाखर्च के खिलाफ अभियान चलाकर जहां हजारों लोगों को नशे से मुक्ति दिलाई है, वहीं दहेज जैसी कुरीति पर भी अंकुश लगाया है। वे हिते हैं कि अंगदान, कन्यादान व शिक्षा दान से बढकर कोई दान नहीं हैं। लोगों को खासकर कन्याओं को शिक्षित करने के लिए वे अधिक से अधिक स्कूल खोले जाने की प्रेरणा भी दे रहे हैं। कन्या शिक्षित होगी तो दो कुलों को तारने का काम तो करेगी ही साथ ही अपने उपर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज भी उठा सकेगी। बैंड तो अंग्रेजी सभ्यता की परम्परा है। हमारे यहां तो शादी में शंख-घडियाल बजाने की परम्परा है, हमें उसी का पालन करना चाहिए।

श्रीमहंत हरि गिरि कुंभ मेले के अलावा भी अक्सर जरूरतमंदों के लिए भंडारे का आयोजन करते हैं। भूखे को अन्न व प्यासे को पानी उनकी सबसे बडी शिक्षा है। ऐसे सिद्ध पुरूष का दर्शन करना परम सौभाग्य की बात है। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमहंत नारायण गिरि जिस प्रकार सत्य सनातन धर्म की पताका पूरे विश्व में फहराने का कार्य कर रहे हैं, उससे एक बात साबित हो जाती है कि आने वाला कल सनातन हिंदू धर्म का है। पूरे विश्व में सनातन धर्म का प्रभाव बढेगा। नशा हमारे व हमारे परिवार ही नहीं पूरे समाज का नाश कर सकता है। अतः हमें इससे बचना है। शादी में ना बैंड-बाजा बजवाना है और ना हीं फिजूलखर्च करना है। हमें भगवान ने सामर्थ्यवान बनाया तो इसके लिए भगवान का धन्यवाद करते हुए जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। दहेज से दूर रहना है क्योंकि जहां कन्यादान सबसे बडा दान है तो वहीं दहेज लेना बहुत बडा पाप है। श्रीमहंत नारायण गिरि शिवपुरी में क्रिया घाट चंबल किनारे एक साधु के भंडारे में भी शामिल हुए।

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