12 महीनों में हर महीने मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि सबसे खास और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली शिवरात्रि होती है. हिंदू धर्म में भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता है. भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. इस बार महाशिवरात्रि 01 मार्च दिन मंगलवार को मनाई जाएगी.
श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर:-
श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गौशाला मार्ग गाजियाबाद में प्रतिवर्ष की भांति महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर दूधेश्वर मठ मन्दिर परिसर को बहुत भव्य रूप से विभिन्न पुष्पों एवं लाइटों से सजाया गया विशेष रूप मन्दिर में जलाभिषेक करने आने वाले भक्तो की व्यवस्था के लिये पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के नेतृत्व में श्रीमहन्त गौरी गिरि दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मन्दिर समिति ,श्री दूधेश्वर मन्दिर विकास समिति ,श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति स्वयंसेवक , गाजियाबाद पुलिस प्रशासन जिला प्रसासन सफाई व्यवस्था के लिये नगर निगम एवं गंगा जल की व्यवस्था सब भक्तो के लिये किया गया है ताकि भक्त भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करके शान्ति पूर्वक अपने घर जाये किसी को कोई समस्या ना इसका विशेष ध्यान रखा जायेगा ,
विशेष रूप से भगवान शिव की बारत एवं विवाह 28 फरवरी की रात्री 9 बजे शिव बारात ,रात्री 11 बजे भगवान शिव माता पार्वती का विवाह जयमाला होगी ,साथ ही भजन संध्या एक शाम बाबा दूधेश्वर के नाम 11 बजे सुप्रसिद्ध भजन गायक हनुमन्त कृपा पात्र रसराज जी महाराज द्वारा भगवान शिव की लीलाओं का संगीतमय मंचन होगा साथ शिव विवाह का संगीतमय महोत्सव होगा जोकि मन्दिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग जी , उपाध्यक्ष अनुज गर्ग जी द्वारा आयोजित किया जा रहा है ,28 फरवरी 1 मार्च की मध्य रात्रि 12 बजे से भक्तों का महाशिवरात्रि का जलाभिषेक प्रारम्भ होगा ,जोकि प्रातः काल 3:30 तक चलेगा 3:30 बजे भगवान दूधेश्वर का प्रातः काल आरती एवं भव्य श्रृंगार मोहित जी एवं उनके समस्त कार्यकर्ताओं द्वारा होगा ,आरती के बाद पुनः जलाभिषेक प्रारम्भ होगा सायंकाल 5:30 बजे भगवान दूधेश्वर का पंचामृत पंचगव्य से अभिषेक,पंचोपचार षोडशोपचार राजोपचार से महाराज श्री द्वारा पूजन होगा भव्य श्रृंगार श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष एवं समस्त कार्यकर्ताओं द्वारा होगा भगवान दूधेश्वर को 56 प्रकार के व्यंजनों का प्रथम भोग प्रसाद मन्दिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग जी के ओर भगवान दूधेश्वर को अर्पित किया जायेगा धूप आरती दीप आरती होगी तदोपरान्त पुनः जलाभिषेक प्रारम्भ होगा जो कि 2 मार्च तक चलेगा ,
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारियां की कुछ झलकियां:-
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का बड़ा त्योहार है:-
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का बड़ा त्योहार है. हिंदू पंचांग के अनुसार,फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. वैसे तो हर महीने मासिक शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन साल के फाल्गुन माह में पड़ने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इस दिन शिव के भक्त भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा और व्रत करते हैं. इस बार महाशिवरात्रि का व्रत एक मार्च, मंगलवार को रखा जाएगा. ऐसी मान्यता है कि इस पर्व पर जो शिव भक्त उपवास रहते हुए दिन भर शिव आराधना में लीन रहता है उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं.
गुरु आदित्य योग से बढ़ेगी पर्व की शुभता:-
चतुर्दशी तिथि 28 फरवरी की रात 1:59 बजे से शुरू हो जाएगी, जो एक मार्च को रात में 12:17 बजे तक व्याप्त रहेगी। इस दिन शनि देव अपनी राशि मकर में स्वगृही, मंगल अपने उच्च राशि में रहेगा। गुरु और सूर्य एक साथ रहने से गुरु आदित्य योग पर्व की शुभता में वृद्धि करेगा। इस दिन व्रत, पूजन के साथ जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और रुद्राभिषेक आदि अनुष्ठान विधिविधान से किया जाएगा।
“इस दिन माता पार्वती और शिवजी की पूजा का विधान है. वैसे तो भगवान शिव की पूजा के लिए हर दिन शुभ है, लेकिन महाशिवरात्रि पर शिवजी की पूजा-आराधना का विशेष इस दिन जो भक्त सच्चे मन से शिवजी की आराधना करते हैं, भोले बाबा उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.
— Jai Ho
- सभी 12 महीनों में हर महीने मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि सबसे खास और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली शिवरात्रि होती है.
- हिंदू धर्म में भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता है.
- भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव जल्द प्रसन्न करने वाले देवता हैं.
- भोले बाबा मात्र पानी का लोटा जल चढ़ाने और कुछ बेलपत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं
चमत्कारिक भगवान शिव मंत्र :-
- ॐ शिवाय नम:
- ॐ सर्वात्मने नम:
- ॐ त्रिनेत्राय नम:
- ॐ हराय नम:
- ॐ इन्द्रमुखाय नम:
- ॐ श्रीकंठाय नम:
- ॐ वामदेवाय नम:
- ॐ तत्पुरुषाय नम:
- ॐ अनंतधर्माय नम:
- ॐ ज्ञानभूताय नम:
- ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
- ॐ प्रधानाय नम:
- ॐ व्योमात्मने नम:
- ॐ महाकालाय नम:
- शिव गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।
- ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ।
- ॐ नमः शिवाय
- जय दूधेश्वर महादेव
- महाशिवरात्रि का रहस्य
ज्योतिषाचार्य पं गणेश मिश्रा के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में चन्द्रमा सूर्य के समीप रहता है। अतः वही समय जीवन रूपी चन्द्रमा का शिवरूपी सूर्य के साथ योग- मिलन होता है। अतः इस चतुर्दशी को शिवपूजा करने से मनुष्यों को मनचाहा फल मिलता है।
शिवरात्रि पर्व भगवान् शिव के दिव्य अवतरण का मंगलसूचक है। उनके निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। वे हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सरादि विकारों से मुक्त करके परम सुख, शान्ति ऐश्वर्यादि प्रदान करते हैं।
महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन पूरी श्रद्धा के साथ माता पार्वती और शिव की पूजा-उपासना करने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं।
महाशिवरात्रि 2022 पूजन का शुभ मुहूर्त :-
Maha Shivaratri मंगलवार :- March 1, 2022
निशिता काल पूजा टाइम – 12:08 AM to 12:58 AM, Mar 02
Duration – 00 Hours 50 Mins
व्रत पारण का शुभ समय- 2 मार्च, 2022 दिन बुधवार को 6 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.
दूधेश्वरनाथ मंदिर में आठों प्रहर की पूजा समय :-
महाशिवरात्रि के अवसर पर 1 मार्च को अष्ट प्रहर भगवान दूधेश्वर का अभिषेक होगा :-
- प्रथम प्रहर प्रातः काल 7से 9 बजे तक ,
- द्वितीय प्रहर प्रातः 9से 11बजे तक ,
- तृतीय प्रहर मध्यान्ह 11से 1तक ,
- चतुर्थ प्रहर मध्यान्ह 1से3बजे तक ,
- पंचम प्रहर मध्यान्ह 3 से 5 बजे तक ,
- षष्ठ प्रहर सायं 5से 7 बजे तक ,
- सायं 7से 9 बजे तक
- अष्टम प्रहर रात्री 9 से 11 बजे तक होगा ,