किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का मूल्यांकन उसके चरित्र,उसके व्यवहार ,उसकी सोच और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा के आधार पर किया जा सकता है | जिस व्यक्ति में स्वाभिमान ,परोपकारिता ,दयालुता ,सदाचारिता ,सरलता और सहजता जैसे गुण विद्यमान हों –उसे श्रेष्ठ अथवा महान कहने में किसी को संकोच नहीं करना चाहिए |
कहते हैं जहाँ सच्ची लगन और इच्छाशक्ति हो वहाँ कोई भी कार्य असंभव नहीं रहता | श्री धर्मपाल गर्ग जी ने जब ऐतिहासिक सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ –मंदिर के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया तो उनका नाम स्वत: ही इतिहास के पन्नो में अंकित हो गया क्योंकि लगभग चार सौ वर्ष पूर्व इस प्रख्यात मंदिर का जीर्णोद्धार वीर मराठा छत्रपति शिवाजी महाराज ने कराया था | तब के बाद अब गाज़ियाबाद के प्रसिद्ध समाज सेवी व परम धार्मिक शिव चरण अनुरागी श्री धर्मपाल गर्ग जी ने अपने पूजनीय माता-पिता जी की याद में बने ट्रस्ट श्री आत्माराम नर्वदा देवी चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग श्री दूधेश्वर नाथ महादेव के मंदिर का भव्य जीर्णोद्धार कराया है | जिन कारीगरों ने श्री सोमनाथ का ऐतिहासिक मंदिर हजारों वर्ष पूर्व बनाया था ,उन्हीं के वंशजों से श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कराने का श्री धर्मपाल गर्ग ने ऐतिहासिक निर्णय लिया | भगवान् दूधेश्वर की असीम अनुकम्पा से वह आज फलीभूत होकर सबके सम्मुख है | सफ़ेद संगमरमर से नये बन रहे मंदिर की छवि अलौकिक व अद्वितीय है |
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी जी ने श्री धर्मपाल गर्ग जी की शिव भक्ति ,दृढ संकल्प शक्ति ,कर्मठता और अदभुत लगन को देखते हुए उन्हें मंदिर विकास समिति का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया | अब श्री धर्मपाल जी मठ मंदिर परिसर को एक ऐसा रूप देने की योजना को मूर्तरूप देने में प्रयासरत हैं जिससे यह धर्म स्थल देश ही नहीं वरन विश्व में एक दिव्य व भव्य रूप में धार्मिक व आध्यात्मिक मानचित्र पर उभरे |