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मां कालरात्रि हमेशा शुभ फल देने वाली हैंः श्री महंत नारायण गिरि जी महाराज

विश्व प्रसिद्ध शक्ति पीठ श्री राणीसा भटियाणीसा मंदिर (जसोलधाम) में सप्तमी पर आस्था व भक्ति का सूरज उगा. महाराज श्री ने मंदिर संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल के साथ किया कन्या पूजन

राजस्थान।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्री महंत नारायण गिरि जी महाराज के पावन सान्निध्य व मार्गदर्शन में सोमवार को सप्तमी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल में आस्था व भक्ति का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा।भक्तों ने मां कालरात्रि एवं श्री राणीसा भटियाणीसा की पूजा-अर्चना कर जयकारों से वातावरण गूंजायमान कर दिया। महाराज श्री ने मंदिर संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल के साथ मां की पूजा-अर्चना की एवं हवन में आहुति देकर विश्व कल्याण, सुख-समृद्धि और जनमंगल की कामना की।

इस अवसर पर श्री महंत नारायण गिरि जी महाराज ने कहा कि मां दुर्गा का सबसे विकराल स्वरूप मां कालरात्रि का है। उनका यह स्वरूप दुष्टों के लिए भयावह है, किंतु भक्तों के लिए सदैव मंगलकारी रहता है। मां का वर्ण घने अंधकार जैसा है, बिखरे हुए केश, गले में बिजली-सी चमकने वाली माला और रौद्र रूप—यह सब भय उत्पन्न करता है, फिर भी मां का नाम शुभंकरी है क्योंकि वे सदैव शुभ और कल्याणकारी फल ही प्रदान करती हैं। कालरात्रि का अर्थ है वह देवी जो मृत्यु और अंधकार का नाश कर दें।

महाराज श्री ने रावल किशन सिंह जसोल के साथ वैदिक विधि से चतुर्वेदोक्त मंत्रों के साथ कन्या पूजन किया। पूजनोपरांत कन्याओं को फल, मिष्ठान्न व दक्षिणा भेंट की गई।

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