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श्री दूधेश्वर नाथ महादेव कुंभ मेला शिविर में आयोजित गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान में तीसरे दिन तीसरी महाविद्या मां त्रिपुर सुंदरी की आराधना हुई

माँ की पूजा करने से मनुष्य को सभी प्रकार के सुख-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

प्रयागराजः श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर द्वारा सेक्टर 20 संगम लोअर मार्ग पर शास्त्री ब्रिज के नीचे कुंभ मेला क्षेत्र में लगाए गए श्री दूधेश्वर नाथ महादेव कुंभ मेला शिविर में गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान तीसरे दिन शनिवार को तीसरी महाविद्या मां त्रिपुर सुंदरी की पूजा-अर्चना हुई। पूजा-अर्चना के लिए शिविर में देश-विदेश के भक्तों की भीड लगी रही। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के दिशा- निर्देशन व श्री दूधेश्वर मंदिर के पीठाधीश्वर व जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में चल रहे गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान में तीसरे दिन हजारों भक्तों ने मां त्रिपुर सुंदरी महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती समेत सभी देवी.देवताओं की आराधना की व शतचंडी पाठ में भाग लिया।

रात्रि में शतचंडी महायज्ञ में आहुति देकर विश्व कल्याण की कामना की। चैन्नई से असल सिंह, गुंटूर से डी के राज पुरोहित, दिल्ली से उत्तम सिंह, संतोष भईसा, गाजियाबाद से सुनीता, शिवकुमार, ईश्वर पंडित, रमेश समेत हजारों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना, पाठ व हवन में भाग लिया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि मां 10 महाविद्याओं में तीसरी महाविद्या मां त्रिपुर सुंदरी हैं। ग्रंथों में इनके ललिता, राज राजेश्वरी, लीलावती, कामाक्षी, कामेश्वरी, ललिताम्बिका, ललिता गौरी इत्यादि नाम भी बताए गए हैं। मां के अंदर 16 कलाएं विद्यमान हैं, जिसके कारण इन्हें षोडशी के नाम से जाना जाता है। अत्यंत सुंदर और अद्भुत स्वरूप जोकि तीनों लोकों में अतुलनीय है, के कारण उन्हें त्रिपुर सुंदरी कहकर बुलाया जाता है। भारत के पूर्वाेत्तर राज्यों में से एक त्रिपुरा में माँ का त्रिपुर सुंदरी नामक शक्तिपीठ है जहां माता सती के वस्त्र गिरे थे। माँ अपने चतुर्भुजी स्वरूप में विराजमान हैं, जिनके एक हाथ में पुष्प रुपी पांच बाण, दूसरे में धनुष, तीसरे में अंकुश व चौथे में फंदा सुशोभित हो रहा है। इनके भक्त धैर्यवान, मन को अपने वश में रखने वाले होते हैं। माँ की पूजा करने से मनुष्य को सभी प्रकार के सुख-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान श्री दूधेश्वर वेद पीठ के आचार्य तयारोज उपाध्याय व 11 पडितों की देख-रेख में 6 फरवरी तक चलेगा। 7 फरवरी को कन्या पूजन व भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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