सावन के तीसरे सोमवार को ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करने से अकल्पनीय फल प्रदान करता हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज
गाजियाबादः
सावन के तीसरे सोमवार को सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी। कई शहरों से आए भक्तों ने भगवान दूधेश्वर नाथ का दर्शन-पूजन कर उनका गंगाजल से अभिषेक किया। मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया और उनके पावन सानिध्य- मार्गदर्शन में जिला, पुलिस प्रशासन व नगर निगम द्वारा की गई व्यवस्थाओं को सराहा। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि सावन के तीसरे सोमवार पर भगवान दूधेश्वर नाथ के जलाभिषेक हेतु मंदिर में भक्तों के आने का सिलसिला रविवार की रात्रि 10 बजे से ही शुरू हो गया था। कुछ ही देर में भक्तों की कतारें लग गई। भीड़ को देखते हुए श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने सबसे पहले पूजा-अर्चना कर भगवान का अभिषेक किया। उसके बाद रात्रि 1 बजे से मंदिर के कपाट भक्तों के लिए जैसे ही खोले गए मंदिर ही नहीं आसपास का क्षेत्र भी भगवान दूधेश्वर के जयकारों से गूंजायमान हो गया। प्रातः 3 बजे भगवान दूधेश्वर का भव्य श्रृंगार किया गया।




प्राचीन देवी मंदिर द्वारका पुरी दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने धूप आरती व दीप आरती की। भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाने के बाद पुनः जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ। भक्तों को भगवान के दर्शन-पूजन व अभिषेक के लिए लंबी कतारों में लगकर घंटज्ञें इंतजार करना पडा। इस दौरान भक्त ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहे। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि वैंसे तो सावन के प्रत्येक सोमवार का शिव आराधना में विशेष महत्व होता है, लेकिन तीसरे सोमवार को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की भक्ति करने कालसर्प दोष पितृदोष दूर होते हैं। साथ ही अन्य ग्रह दोषों का निवारण भी होता है। इस दिन ॐ नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण अकल्पनीय फल प्रदान करता है। सावन का तीसरा सोमवार शिव कृपा प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर होता है। इस दिन ॐ नमः शिवाय के मंत्र से की गई उपासना न केवल कालसर्प दोष का निवारण करती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है।