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संगम स्नान पूजन के साथ पंचकोशी परिक्रमा का हुआ शुभारंभ

पंचकोशी परिक्रमा में हजारों संत व श्रद्धालु शामिल हुए
पहले दिन अनेक प्रमुख मंदिरों का दर्शन-पूजन किया गया
पंचकोशी परिक्रमा का जगह-जगह श्रद्धालुओं ने स्वागत किया

प्रयागराजः
जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशानुसार उनकी अध्यक्षता में पंचकोशी परिक्रमा गुरूवार को संगम स्नान पूजन के साथ शुरू हो गई। परिक्रमा का जगह‘-जगह स्वागत किया गया। परिक्रमा पहले दिन कई प्रमुख धार्मिक स्थलों से होकर भी निकली।

पंचकोशी परिक्रमा का महत्व:-

जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रनन्द सरस्वती महाराज सुमेरुपीठ काशी ने कहा कि पंचकोशी परिक्रमा का बहुत महत्व है। इस परिक्रमा को करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि पंचकोशी परिक्रमा से जहां सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त होती है, वहीं सनातन धर्म को भी मजबूती मिलती है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि पंचकोशी परिक्रमा का महत्व पौराणिक शास्त्रों में भी बताया गया है। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ताए दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि पंचकोशी परिक्रमा संगम स्नान व पूजन से शुरू होती है। संगम स्नान-पूजन के बाद इस परिक्रमा को लगाने से बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है और जन्म-जन्मांतर के पाप भी दूर होते हैं।

पंचकोशी परिक्रमा पहले दिन दर्शन व पूजन:-

पंचकोशी परिक्रमा के दौरान पहले दिन श्री अक्षयवट भगवान, लेटे हुये हनुमान जी, श्री दत्तात्रेय मंदिर, सरस्वती कूप, सिद्ध पीठ माता ललिता देवी मंदिर का दर्शन व पूजन, श्री बरखंडी महादेव, श्री राम जानकी मंदिर दर्शन व पूजन का सौभाग्य भी प्राप्त होता है। महामंडलेश्वर विद्यानंद सरस्वती नैमिषारण्य ने कहा कि पंचकोशी परिक्रमा सनातनियों को एकजुट करती है और सनातन धर्म को मजबूत करने का कार्य करती है। हिमालय पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरि ने कहा कि पंचकोशी परिक्रमा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं। जगदगुरू महेश आश्रम महाराज ने कहा कि बहुत पुण्य से ही पंचकोशी परिक्रमा करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। पंचकोशी परिक्रमा के पहले दिन श्री अक्षयवट भगवान का दर्शन व पूजन, लेटे हुये हनुमान जी का दर्शन व पूजन, संगम पुलिस चौकी के पास श्री दत्तात्रेय मंदिर एवं श्री शिवदत्त पुरी जी महाराज की समाधि का दर्शन व पूजन, सरस्वती कूप का दर्शन व पूजन, यमुना नदी किनारे स्थित श्री मौज गिरि महाराज की समाधि-मंदिर का दर्शन व पूजन, नगर में कल्याणी देवी स्थित सिद्ध पीठ माता ललिता देवी मंदिर का दर्शन व पूजन, नगर से बाहर यमुना किनारे स्थित श्री बरखंडी महादेव का दर्शन व पूजन, नगर में कृष्णा नगर कीडगंज स्थित श्री राम जानकी मंदिर का दर्शन व पूजन किया गया। संगम वापस लौटकर आचमन व प्रार्थना के साथ प्रथम दिन की परिक्रमा ने संगम स्थित श्री दत्तात्रेय शिविर में विश्राम लिया।


किन्नर अखाडे के महामंडलेश्वर भवानीनंद गिरि महाराज, महामंडेलश्वर कौशलानंद गिरि महाराज, जूना अखाडे के सलाहकार मुन्नी लाल पांडे, महामंडलेश्वर मोहननंद यती गोरख बाबा, महामंडलेश्वर ब्रहमानंद आश्रम महाराज, शंकरानंद गिरि महाराज, महामंडलेवर पवित्रानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर कनेकश्वरीनंद गिरि गोरखपुर, माघ मेले के प्रबंधक विवेक चतुर्वेदी, चंद्रिका प्रसाद त्रिपाठी दयानंद, हाईकोर्ट की विशेष बैंच की जज मंजू रानी चौहान, वरिष्ठ अधिवक्ता डी आर चौधरी, लक्ष्मी कांत त्रिपाठी, थानापति महंत कैलाश गिरि महाराज, महंत शंकर गिरि, जूना अखाडे के मंहत पवन गिरि महाराज, थानापति आदित्य गिरि, स्वामी कृष्णानंद गिरि, वरिष्ठ पत्रकार पी एन द्विवेदी, माघ मेला कैंप दत्तात्रेय सेवा समिति संगम अक्षय वट रोड आयोजक धीरेंद्र कुमार द्विवेदी, दिलीप गोस्वामी, नीलू गोस्वामी आदि ने भी परिक्रमा में भाग लिया व संगम स्नान-पूजन किया।

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