गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में चार दिवसीय होली महोत्सव गुरूवार को हवन पूजन व होलिका दहन के साथ शुरू हो गया। शुक्रवार को मंदिर से पंखा शोभा.यात्रा निकलेगी। शनिवार 15 मार्च को मंदिर में भंडारे का आयोजन होगा और रविवार 16 मार्च को कढ़ी पकौड़ी के साथ महोत्सव का समापन होगा। मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज इन दिनों काशी प्रवास पर हैं। उन्होंने काशी से सभी को होली पर्व की बधाई दी और सादगी के साथ आपसी सौहार्द व भाईचारे के वातवरण में होली का पर्व मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि रंगों का त्योहार हमें अपने सभी अवगुणों का दहन कर समानता, समरसता, प्रेम-स्नेह व भाईचारे के रंग खिलाने का संदेश देता है। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि मंदिर में होली पर्व का जश्न चार दिन तक मनता है।


चार दिवसीय होली महोत्सव में अनेेक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। महोत्सव होलिका दहन से शुरू होता है और समापन कढ़ी पकौड़ी के साथ होता है। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान दूधेश्वर को जो बेलपत्र, पुष्प आदि अर्पित किए जाते हैं, उन्हें सूखाकर उनसे व गाय के गोबर के उपले से होली जलाई जाती है। होलिका दहन से बनी भस्म यानि विभूति को दूसरे दिन पंखा शोभा.यात्रा के दौरान प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है।

गुरूवार को प्रातकाल हवन-पूजन हुआ और उसके बाद होलिका दहन किया गया। आज शुक्रवार को अपरान्ह 3 बजे से मंदिर से पंखा शोभा-यात्रा निकलेगी, जिसमें देश भर से आए साधु संतए नागा बाबा व शिवगण शामिल होंगे। पंखा शोभा-यात्रा शहर में भम्रण करते हुए वापस मंदिर पर ही समाप्त होगी। शनिवार को भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें देश भर से आए साधु.संतों के साथ श्रद्धालु भी प्रसाद ग्रहण करेंगे। रविवार को कढ़ी पकौड़ी के साथ संतों को विदाई दी जाएगी। मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज काशी प्रवास में होली का पर्व मनाकर 22 मार्च के बाद भगवान दूधेश्वर कर सेवा में उपस्थित होंगे।