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संत जिस स्थान पर निवास करते हैं, वह तीर्थ बन जाता हैः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज


ग्राम फाजलवास पंचगाव स्थित श्री गणेश मंदिर नीम खडी आश्रम में महंत कौशल गिरी महाराज की 41 दिन की तपस्या पूर्ण हुई-तपस्या पूर्ण होने पर आयोजित संत समागत व भंडारे में मुख्य अतिथि रहे महाराजश्री
गुरूग्रामः
ग्राम फाजलवास पंचगाव स्थित श्री गणेश मंदिर नीम खडी आश्रम में महंत कौशल गिरी महाराज द्वारा विश्व कल्याण हेतु 18 वीं 41 दिन की खडी धुणी तपस्या 18 मई से की जा रही थी। तपस्या 27 जून को दिन में पूर्ण हुई, जिसके उपलक्ष्य में रात्रि में जागरण का आयोजन किया गया। शुक्रवार को संत समागम व विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। विभिन्न शहरों से आए संतों व श्रद्धालुआंें ने महाराजश्री का स्वागत-अभिनंदन कर उनका आशीर्वाद लिया।

श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संतों का पूरा जीवन ही धर्म, समाज, देश व विश्व कल्याण के लिए समर्पित होता है। यही कारण है कि संत जहां भी निवास करते हैं, वह स्थान तीर्थ बन जाता है। 41 दिन की धुणी तपस्या करना बहुत ही मुश्किल होता है, मगर भगवान गणेश की कृपा से महंत कौशल गिरी महाराज ने विश्व कल्याण के लिए इस तपस्या को पूर्ण किया। संतों का तपस्या करने का उददेश्य यही होता है कि सभी भक्त खुश रहे, खुशहाल रहें और पूरे विश्व का कल्याण हो। आज जब पूरे विश्व में परस्थितियां बहुत ही विकट हैं तो ऐसे समय में संतों की जिम्मेदारी और भी बढ गई है। महंत कौशल गिरी महाराज जैसे संत अपनी इस जिम्मेदारी को तमाम कष्ट उठाकर भी पूर्ण कर रहे हैं। स्वेदशी मंडल के श्रीमहंत रघुबीर गिरी महाराज खंडेश्वरी बाबा, अष्ट कौशल महंत कमल गिरी महाराज, शंभू खडदर्शन मंडल के महंत नरेश गिरी महाराज, महंत सोम गिरी महाराज, प्राचीन देवी मंदिर के महंत गिरीशानंद महाराज, महंत कन्हैया गिरी महाराज भैरव मंदिर, महंत विजय गिरी महाराज, महंत जगदीश गिरी महाराज तिलवाडा बालोतरा राजस्थान, महंत किशन गिरी महाराज दादरी आदि भी मौजूद रहे।

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